
पखांजूर से बिप्लब कुण्डू–

पखांजूर–
रबिन्द्र नाथ टैगोर भारत के सबसे प्रसिद्ध शख्श में से एक थे। उन्हें उनके पाठकों के दिमाग और दिलों पर अविस्मरणीय प्रभाव डालने के लिए कवियों का कवि एवं गुरुदेव भी कहा जाता था। रबिन्द्र नाथ टैगोर जी बंगाल की सांस्कृतिक दृष्टि में एक प्रतिष्ठित व्यक्ति थे। वे ऐसे भारतीय यहाँ तक कि गैर यूरोपीय व्यक्ति थे जिन्होंने साहित्य में पहला नॉबेल पुरस्कार जीता। वे न सिर्फ एक कवि या लेखक थे बल्कि वे साहित्य के युग का केंद्र थे जिन्हें भारत के सांस्कृतिक राजदूत के रूप में जाना जाता था। ये अपनी कविताओं के साथ – साथ राष्ट्रगान रचियता के रूप में भी जाने जाते हैं। हमने इस लेख के माध्यम से इनके द्वारा किये गये कार्य, उपलब्धियां और इनके जीवन के बारे में सम्पूर्ण जानकारी दी है।
वहीं कुछ उनके बारे में जानकारी देते हुए बताया गया कि पूरा नाम – रबिन्द्र नाथ टैगोर. जन्म- 7 मई, 1861 जन्म स्थान -कलकत्ता, बंगाल रेजीडेंसी, ब्रिटिश भारत मृत्यु 7 अगस्त, 1941 मृत्यु स्थान कलकत्ता, बंगाल रेजीडेंसी, ब्रिटिश भारत प्रसिद्धी भारतीय राष्ट्रगान के लेखक, साहित्य में नॉबेल पुरस्कार विजेता एवं इनके सुविचार औऱ राजनीतिक विचारधारा विपक्षी साम्राज्यवाद और समर्थित भारतीय राष्ट्रवादी औऱ जाति बंगाली औऱ प्रसिद्ध पुस्तक गीतांजलि है।

अशीम राय द्वारा ऐसी कई महत्वपूर्ण बातों को बताया गया। वही साथ नगरपंचायत में ऐसे महान लोगो की प्रतिमाओं का देख रेख नही किया जाता इस पर भी कई बात पर चर्चा किया गया, आज जब 7 मई को रविन्द्र नाथ टैगोर जी के प्रतिमा पर फूल माला अर्पण किया जा रहा था उस जगह पर लाइट की व्यवस्था भी नही थी सभी अपने मोबाइल के टार्च को जलाकर इस कार्यक्रम को करते देख आम लोगो ने भी इस पर चर्चा किया और कई टिप्पणी भी किये। ऐसे से नगरपंचायत पर बने महान लोगो की प्रतिमाओं का देखभाल भी नही किया जा रहा है। इस पर भी पूर्व अध्यक्ष द्वारा कई आरोप लगाते दिखाई दे रहे थे, इस कार्यक्रम में नगरपंचायत के पूर्व अध्यक्ष अशीम राय, बबलू सरकार,राजेश नायर,गणेश सहा, लालटू कुंडू,के अलावा पखांजुर नगरपंचायत के नागरिक गण उपस्थित रहे।
