पखांजूर से बिप्लब कुण्डू–

पखांजूर।
विकासखंड कोयलीबेड़ा के ग्राम पंचायत लक्ष्मीपुर में शौचालय निमार्ण के लिए स्वच्छता मिशन के तहत आई राशि में भ्रष्टाचार के मामले में शिकायत के बाद आज जांच दल तो पहुंचा पर शौचालय निमार्ण के हितग्राहियों की सूची नहीं होने की बात कह जांच टाल दी गई। इस मामले में भी शिकायत कर्ता को गलत सूचना दी गई पर शिकायत कर्ता की समझदारी के सामने जांच दल की एक न चली तो हितग्राहियों की सूची नहीं होने का बहाना बना जांच दल फरार हो गया।

ग्राम पंचायत लक्ष्मीपुर में वर्ष 2016 से 2020 तक स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय निमार्ण के लिए आई राशि में भ्रष्टाचार के मामले में आज पहुंचा जांच दल बिना जांच किऐ ही फरार हो गया। इस मामले की शिकायत ग्राम पंचायत के पांडे ने कलेक्टर से की है। उनका आरोप है की गांव में वर्ष 2016 से 2020 तक शौचालय निमार्ण के नाम पर आई 30 लाख से अधिक राशि में सरपंच तथा सचिव ने दस लाख का भ्रष्टाचार किया है। उनके द्वारा ग्रामीणों से शौचालय बनाऐ गऐ की पैसा आऐगा तो दे दिया जाऐगा पर जब पैसा आया तो सौ से अधिक ग्रामीणों को उनका पैसा नहीं दिया गया। इस मामले की शिकायत के बाद जांच के लिए दो सदस्य का दल बनाया गया है जिसमें स्वच्छता मिशन के ब्लाक समंवयक मृणाल सिकदार तथा करारोपड़ अधिकारी संतराम वमार् को जांच अधिकारी बनाया गया है। इस मामले में दोनों अधिकारी आज पंचायत जांच करने पहुंचे और शिकायत कर्ताओ को अन्य दिन जांच की जानकारी दी गई। अधिकारियों के पहुंचने की भनक शिकायत कर्ता को लगी तो वह भी ग्रामीणों के साथ पंचायत भवन पहुंच गया पर जांच करने पहुंचे अधिकारियों ने जांच में आने की बात को नकार दिया। पर शिकायत कर्ता ने इस संबध में मुख्य कायर्पालन अधिकारी से बात की तो जांच के लिए पहुंचे दोनों अधिकारियों की पोल खुल गई। जिसके बाद जांच अधिकारियों ने पंचायत से हितग्राही की सूची मांगी तो सचिव ने सूची घर में होने की बात कह दी और जांच दल भी सूची ले कर नहीं आया। जिसके बाद एक पंच ने आनलाईन सूची निकाली और जांच दल को दी पर जांच दल ने आनलाईन सूची लेने से इंकार कर दिया और जांच की नई डेट देकर फरार हो गऐ। इस मामले में शिकायत कर्ता निरंजन पांडे, प्रसंजीत घरामी, शंकर मित्र पंचानन मंडल आदि ने बताया की इस मामले में बनाऐ गऐ जांच दल का एक अधिकारी इस भ्रष्टाचार के मामले में स्वंम लिप्त है एसे में मामले में क्या जांच होगी इस आसानी से समझा जा सकता है।

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