पखांजूर से बिप्लब कुण्डू-
किसी अन्य अधिकारी को प्रभार दिया जावे जिससे शिक्षक नही होंगे परेशान…
पखांजूर:-
बतादू की शिक्षा की गुणवत्ता लाने सरकार तरह तरह की योजनाओं से बालक व पालको को लाभान्वित करने की प्रयास कर रही है लेकिन जो शिक्षा के क्षेत्र में एसी,कुलरो के सामने बैठ कर नियमों का धज्जियां उडा रहे है ऐसे अधिकारी या कर्मचारियों का क्या कहना सब बल्ले बल्ले ।
लेकिन जो कडी धुप कडकडाती ठंड हो या मुसलाधार बारिश में नदी नाला पार कर अपना कर्तव्य का निर्वहन करते है ऐसे शिक्षकों को नमन, लेकिन वही एसी, कुलरो व बंद कमरे में बैठ कर मोबाइल का आंनंद लेनेवाले अधिकारी व कर्मचारियों का क्या कहना।
विभागीय अधिकारी समय पर शिक्षको को उन्के दस्तावेज जैसे पे-स्लिप सेवा पुस्तिका सहित उच्चस्तरीय विषयों की संधारण या वेतन समय पर जमा न करना एसे तमाम खामियां देखने को मिल रहा है कोयलीबेड़ा खंड शिक्षा अधिकारी के पास।
और बता दे कि जब शिक्षको को उनके पे-स्लिप व सेवा पुस्तिका को विभाग उपलब्ध नहीं करायेंगी तो उन्हे कैसे पता चलेगा की वह कितना कमाता है सेवा पुस्तिका में क्या क्या संधारण है ।
आज देखने को यह मिल रहा है कि शिक्षकों के पास खुद का सेवा पुस्तिका नही है कल कुछ हो जाता है तो विभाग कह देगा गुम गया तो उस शिक्षक को कितनी बडी नुकसान उठाना पड सकता है अधिकारी तो आते जाते रहते है लेकिन शिक्षक जिसका भविष्य उस विभाग के कार्यालय में है।
मजे की बात तो यह है कि…
जो शिक्षक नदारद वा अपने कार्यों में लापरवाही बरत रहे है उनका पगार बराबर प्रति माह निकल रहा है।
अब विभाग में बैठे ऐसे अधिकारी कर्मचारियों पर उच्चाधिकारी क्यो है मेहरबान क्यो..?
अधिकारी तो कभी कभी निम्नस्तर कर्मचारियों को कारण बताओ नोटिस भी जारी करते है लेकिन ऐसे लापरवाह शिक्षा अधिकारी के लिए कौन जिम्मेदार अधिकारी है जो कारण बताओ नोटिस जारी कर सके। क्योंकि बिना वजह से शिक्षकों का वेतन दिसम्बर 2021 व मार्च 2022 का वेतन रोकना कितना बडा प्रडाताडित करने जैसा है।
अब ऐसे मे भला कौन नही सोचेंगे… कि
सही तरीका से संचालित नहीं कर पा रहे हैं खंड शिक्षा अधिकारी सिन्हा और अपने कार्यों में सक्रिय नही है।
जिसका खामियाजा भुगत रहे है शिक्षक…।ऐसे मे क्या कर सकते है शिक्षक मायूश होकर काटते है आफिस का चक्कर। फिर भी नही बनती हैै काम….।