पिस्टल की नोक पर ज्वेलर्स शॉप में लूटपाट करने वाले निकले दर्रीघाट डकैती के आरोपी, पुलिस ने अब तक 2 को किया गिरफ्तार, तो वहीं घायल ज्वेलर्स की हालत में सुधार

मोहम्मद नासिर

बिलासपुर गोड़पारा पंडित मुन्नू लाल शुक्ला स्कूल के सामने स्थित दीपक ज्वेलर्स में लूटपाट की घटना के तार तीन महीने पहले दर्रीघाट में कांग्रेस नेता टकेश्वर पाटले के घर हुई डकैती से जुड़ते नजर आ रहे हैं।
घटना के बाद पुलिस ने दो लुटेरों को पकड़ लिया है। यह वही लुटेरे हैं जिन्होंने दर्रीघाट में हुई डकैती में भी हिस्सा लिया था। गुरुवार दोपहर करीब 2:30 बजे तीन लुटेरे ग्राहक बनकर दीपक ज्वेलर्स पहुंचे। कुछ देर गहने देखने के बाद इन्होंने पिस्टल निकाल ली और फिर उस की नोक पर दुकान से गहने समेटने लगे।


कुछ देर तक दुकान संचालक दीपक सोनी डरा सहमा रहा, लेकिन फिर वह लुटेरों से भिड़ गया। इसी दौरान लुटेरों में से एक ने एक गोली चला दी जो दीपक की जांघ में लगी। लेकिन फिर भी दीपक सोनी लुटेरों से भिड़ा रहा। इसी दौरान मोहल्ले के लोग और दीपक की दीदी एवं जीजा भी मौके पर पहुंच गए । फिर भी दो लुटेरे बाइक पर सवार होकर भागने में कामयाब रहे। इस बीच लोगों ने एक लुटेरों को पकड़ लिया। गोली लगने से घायल हुए दीपक को अपोलो में भर्ती किया गया है, जहां उसकी हालत स्थिर बताई जा रही है। घटना की सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस के हवाले पकड़े गए लुटेरों को किया गया। पकड़ा गया लुटेरा रमजान निकला, जिससे पूछताछ के बाद पुलिस ने रेलवे स्टेशन से उड़ीसा सुंदरगढ़ निवासी मुक्ति साय को भी गिरफ्तार कर लिया है जो शालीमार एक्सप्रेस में सवार होकर भागने की फिराक में था।
दर्रीघाट में हुई लूटपाट के मामले में कुछ आरोपियो के गिरफ्तार ना होने से उनका दुस्साहस इतना बढ़ गया कि उन्होंने 3 माह के भीतर दूसरी लूट की वारदात को अंजाम दिया है। पुलिस ने फिलहाल दो लुटेरों को पकड़ लिया है और तीसरे की जोर शोर से तलाश की जा रही है। तो वही लोग घायल दीपक सोनी की जांबाजी की भी तारीफ कर रहे हैं जिनकी मुस्तैदी के वजह से ही लुटेरे पकड़े गए। घटना के बाद पूरे इलाके में दहशत का माहौल है क्योंकि गोड़पारा, सदर बाजार इलाके में बड़ी संख्या में सर्राफा व्यापारी अपनी दुकान संचालित करते हैं । जिस तरह दिनदहाड़े ग्राहक बनकर लुटेरे ज्वेलर्स शॉप में पहुंचे उसने व्यापारियों की नींद उड़ा दी है। यह पूरा मामला सीसीटीवी कैमरे में भी कैद हो गया है , जिसने लुटेरों की पहचान आसान कर दी है।

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