लोरमी डीएवी स्कूल का स्याह चेहरा उजागर , घायल छात्र का इलाज कराने की जगह उस पर किया पुलिस में मामला दर्ज

आकाश दत्त मिश्रा

शिक्षक को ईश्वर की संज्ञा दी जाती है माता पिता की परवरिश के साथ साथ शिक्षक का सानिध्य मनुष्य के जीवन को सही दिशा प्रदान करने में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है लेकिन बदलते दौर के साथ साथ शिक्षकों की भूमिका पर सवाल खड़े होने लगे है । शिक्षकों के ओहदे को धूमिल करने वाली एक और घटना लोरमी में घटी ,,,  लोरमी कोतरी रोड स्थित DAV मुख्यमंत्री स्कूल में  10 जनवरी को खेलकूद का आयोजन किया जा रहा था जिसमे कबड्डी का खेल भी हुआ छात्रों ने अपना उम्दा प्रदर्शन भी किया लेकिन खेल के दौरान 11वी के छात्र  सिद्धार्थ छाबड़ा को गम्भीर चोट लग गयी सिद्धार्थ का कॉलर बोन फ्रेक्चर हो गया ,,, जिस पर स्कूल के स्पोर्ट्स टीचर लक्ष्मीकांत साहू ने सिद्धार्थ को प्राथमिक उपचार भी उपलब्ध कराना उचित नही समझा ,, चोट की वजह से दर्द से कराहते सिद्धार्थ की पीड़ा स्पोर्ट्स शिक्षक ने तो नज़रंदाज़ कर दी लेकिन सिद्धार्थ के दोस्तो ने उसे तत्काल उपचार उपलब्ध कराने की कोशिश की और उसके परिजनों को इसकी सूचना दी , घटना की जानकारी मिलते ही सिद्धार्थ के माता पिता स्कूल पहुचे जहाँ से सिद्धार्थ को तत्काल इलाज के लिए अपोलो ले जाने की तैयारी की , इस बीच सिद्धार्थ के पिता ने शिक्षकों की गैर ज़िम्मेदारी पर सवाल उठाने की कोशिश की तो स्पोर्ट्स टीचर  लक्ष्मी कांत साहू लेने की बात कहकर पल्ला झाड़ने की कोशिश की जिस बात बिगड़ गयी और सिद्धार्थ के अभिभावक और स्कूल के शिक्षकों में नोकझोक हो गयी,,, उपचार को पहली प्राथमिकता देते हुए सिद्धार्थ के परिजनों ने उसे अस्पताल में भर्ती कराया जहाँ उसका उपचार जारी है,,, ठीक इसी समय का फायदा उठाते हुए   अपनी लापरवाही और गलतियों पर आवरण डालने की मंशा से स्कूल  के स्पोर्टज़ टीचर  लक्ष्मीकांत साहू ने उल्टे अभिभावकों के खिलाफ लामबंद हो गया, स्पोर्ट्स टीचर लक्ष्मीकांत साहू ने स्वयं के बचाव के लिए लोरमी पुलिस थाने में मनगढ़ंत शिकायत अर्जी दे दी जिसपर पुलिस अपनी जांच के बाद ही कार्यवाही करने की बात कह रही है, इधर सिद्धार्थ के अभिभावकों ने अपना पक्ष स्पष्ट रूप से पुलिस के समक्ष रखते हुए अपनी शिकायत दर्ज करा दी है। शिक्षक लक्ष्मीकांत साहू के अनुसार सिद्धार्थ के अभिभावक ने उनसे मारपीट की है, जबकि सिद्धार्थ के अभिभावकों के अनुसार सिद्धार्थ की चोट को नज़रंदाज़ करने वाले शिक्षक लक्ष्मीकांत साहू ने ये कहकर पल्ला झाड़ लिया कि बच्चो का ठेका मैंने नही लिया है ,,, इस तरह के बयान शिक्षक की छात्रों के प्रति गम्भीरता को दर्शाने के लिए काफी है।

इस पूरे मामले में कुछ स्पष्ट हो या न हो लेकिन एक बात स्पष्ट है कि सिद्धार्थ को गम्भीर चोट लगने के बावजूद भी स्कूल प्रबंधन के द्वारा भरपूर लापरवाही बरती गई है,, वर्ना कॉलर बोन फ्रेक्चर से पीड़ित छात्र को उपचार के लिए अभिभावकों से पहले स्कूल प्रबंधन सक्रिय हो गया होता,, 
मामला पुलिस के पाले में जा चुका है ,,  पुलिस स्पोर्ट्स टीचर की शिकायत पर जांच कर रही है वही सिद्धार्थ की चोट पर उपचार के लिए की  गयी देरी पर शिक्षा विभाग और पुलिस तटस्थ हो गयी है,,,

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