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एक बार फिर ठगी की कोशिश करता नटवरलाल, व्यापारी की सजगता से पुलिस के हत्थे चढ़ गया। गुरुवार को सुजल बैनर्जी गोल बाजार स्थित सिस्कॉम कंप्यूटर सर्विस में एक लैपटॉप खरीदने आया। सुजल बनर्जी ने खुद को बैंक अधिकारी बताया और डेल कंपनी के लैपटॉप खरीदने के बाद उसने भुगतान चेक से करने की बात कही। कंप्यूटर सेंटर के संचालक मानस शुक्ला के सीएमडी चौक स्थित नवीन इंटरप्राइजेज से करीब 3 साल पहले भी सुजल बनर्जी ने खरीदारी करते हुए एक लाख रुपये का चेक दिया था जो बाउंस हो गया था।यह मामला कोर्ट में लंबित है। बताया जा रहा है कि सुजल बनर्जी आदतन ठग है। उसने मानस के अलावा और भी कई व्यापारियों को चुना लगाया है। पिछले कुछ समय में सुजल बनर्जी ने राजीव प्लाजा, मोनू मोबाइल से खुद को किसी बड़े फैक्ट्री में अधिकारी बताते हुए 4 मोबाइल खरीदा था और इस तरह उसने मोबाइल दुकानदार को एक लाख 10 हज़ार रुपये का चूना लगाया। पाली साईं मोबाइल के राजेश कुमार सिंह से भी उसने खुद को इंजीनियर बताते हुए धोखे से ₹35000 का मोबाइल खरीद लिया था, जिसका भुगतान उसने नहीं किया। बताया जा रहा है कि शातिर नटवरलाल सुजल बनर्जी खुद को बड़ा अफसर बताकर पहले लोगों को भरोसे में लेता है और फिर कहीं से पेमेंट आने की बात कहकर वह दुकानदार के साथ ठगी करता है। कई दुकानदारों को उसने फर्जी चेक देकर भी भुगतान किया जो चेक बाद में बाउंस हो गए। बिलासपुर के ही कृष्णा मोबाइल राजा मोबाइल जैसे दर्जनों दुकानदारों को सुजल बनर्जी ने चुना लगाया है। जैसे ही मानस शुक्ला के हाथ सुजल बनर्जी लगा तो इसकी खबर दूसरे व्यापारियों को भी लग गई और सभी वहां इकट्ठे हो गए, जिन्होंने शातिर ठग मानस मुखर्जी को कोतवाली थाने के हवाले किया और उसके खिलाफ 5 लोगों ने ठगी के अलग-अलग मामले दर्ज कराए हैं । बिलासपुर और आसपास के क्षेत्र में काफी समय से सृजल मुखर्जी लोगों को शीशे में उतार रहा था। उसे गुमान था कि वह कभी पकड़ा नहीं जाएगा लेकिन पहले से वह जिसे ठग चुका है, उसी को वापस ठगने की कोशिश सृजल मुखर्जी को भारी पड़ गई और वह सलाखों के पीछे पहुंच गया है । बताया जा रहा है कि जांच में ऐसे और नाम सामने आ सकते हैं जिन्हें सृजल मुखर्जी ने ठगा है।