
संगम धान खरीदी केंद्र प्रभारी की मनमानी से किसान खासे परेशान हैं एक तो अपनी मेहनत की फसल को बेचने के लिए रोज धान फड़ का चक्कर काट रहे हैं वही फड़ संचालक द्वारा कोचियो को प्राथमिकता देकर उनका धान पहले तौल किया जा रहा हैं और किसान रोजाना मायूस होकर घर लौट रहे हैं ! शासन के निर्देशनुषर 15 फरवरी धान खरीदी का अंतिम दिन हैं और अभी तक सैकड़ो किसानो के धान का खरीदी नहीं हुई ! फड़ संचालक द्वारा किसानो के धान को मिटटी में बिछाकर धुप में सुखाकर व् नामिमापक यंत्र में जाँच कर धान की खरीदी की जा रही हैं मगर किसानो से सुखाती के नाम पर प्रति क्विटल 1 किलो 2 सौ ग्राम धान अधिक लेकर उनकी मेहनत पे डाका डाल रहे हैं ! बता दे की संगम धान फड़ अंचल का सबसे बड़ा फड़ माना जाता हैं ! यह लगभग 45 से 50 हजार क्विटल धान की बिक्री प्रति वर्ष किसानो द्वारा की जाती हैं किसान अपने मेहनत की फसल को सही तरह बेच सके जिसके लिए सभी खरीदी केंद्र में नोडल अधिकारियो की नियुक्तु की गई हैं ताकि धान खरीदी में पारदर्शिता बनी रहे मगर फड संचालक द्वारा नोडल अधिकारियो के पीठ पीछे किसानो को ठगने का धंधा चला रहे हैं किसान विराज बद्र ने बतलाया मैंने 18 क्विटल धान बेचा हैं फड़ संचालक द्वारा 40 किलो 7 सौ का नाप-तौल कर मुझे टोकन में 39 किलो का पर्ची थामा दिया जबकि मेरे धान को नामिमापक यंत्र में जाँच कर लिया हैं और मुझसे सूखती के नाम पर 1 किलो दो सौ ग्राम धान ले रहे हैं ऐसे में देखा जाये तो 45 हजार खरीदी के उपरांत फड संचालक द्वारा किसानो से 1 हजार 1 सौ पच्चिस क्विटल से भी अधिक धान अवैध वसूली की जा रही हैं जिसका सरकारी मूल्य लगभग 20,64375 {20-22} लाख रुपया होता हैं जो किसानो के मेहनत का पैसा हैं !
