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बिलासपुर में सेंट्रल यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में शामिल होने पहुंच रहे राष्ट्रपति के बिलासपुर दौरे को लेकर पुलिस पूरी तरह मुस्तैद है। राष्ट्रपति की सुरक्षा के लिए 1000 से अधिक पुलिसकर्मी और अधिकारी तैनात किए गए हैं। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के बिलासपुर आगमन के मद्देनजर चप्पे-चप्पे पर बल की तैनाती की गई है ।राष्ट्रपति यहां 2 दिन ठहरेंगे। 1 मार्च को बिलासपुर पहुंच रहे राष्ट्रपति 2 मार्च के दीक्षा समारोह में शामिल होंगे। इस दौरान वे जिस जिस सड़क से गुजरेंगे वहां की सुरक्षा को लेकर विशेष जांच पड़ताल की जा रही है । वहीं बिलासपुर दौरे के दौरान राष्ट्रपति से जो जो मुलाकात करेंगे उन अतिथियों, आयोजन में लगे कर्मचारियों आदि का वेरिफिकेशन भी पुलिस कर रही है। इस दिशा में कार्यक्रम का फूल रिहर्सल किया गया।
वही पुलिस व्यवस्था के प्रति आम लोगों में भरोसा जगाने बिलासपुर में पुलिस ने मार्च पास्ट भी किया। पूरे लाव लश्कर के साथ पुलिस लाइन से निकली गाड़ियां बिलासपुर के मुख्य सड़कों से गुजरी । राष्ट्रपति के बिलासपुर आगमन के मद्देनजर सुरक्षा में किसी तरह की ढील या चूक से बचने की कोशिश की जा रही है। हालांकि इसी बीच 29 फरवरी को बिलासपुर के ही ईदगाह चौक में सीएए विरोधी बड़े आंदोलन की तैयारी में भी है, जिसे लेकर पुलिस कुछ भी कहने से बच रही है। दिल्ली के दंगे के बाद इस तरह के आंदोलनों को लेकर विशेष एहतियात बरतने की जरूरत है। यह भी पता नहीं चल पा रहा है कि इस आंदोलन के लिए पुलिस ने परमिशन दी है या बिना परमिशन के ही आयोजन किया जा रहा है। राष्ट्रपति के बिलासपुर आगमन के मद्देनजर ऐसे किसी भी आंदोलन से सूरते हाल बिगड़ सकती है इसलिए पुलिस को चाहिए कि सुरक्षा के दायरे में इस तरह के प्रयासों को भी जोड़ें तभी 100% सुरक्षा सुनिश्चित होगी।