शांता फाउंडेशन बिलासपुर समाज के विभिन्न क्षेत्रों में अपनी भूमिका निभा रही है,सिर्फ एक क्षेत्र में कार्य को संपादित न करके समाज के सभी क्षेत्रों में कार्य पर विशेष जोर देते है शांता फाउंडेशन मानव कल्याण एवं गौ सेवा दोनों पर अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। शांता फाउंडेशन में कार्य करने वाले पुरुषों एवं नारी रत्नों के समूह साथ मिलकर सभी क्षेत्रों पर ध्यान दिया जाता है जिसमे लड़कियों व महिलाओं को समाज सेवा के प्रति जागरूक करना, किसी भी अवसर पर रक्तदान के लोगों में जागरूकता भी फैलाना है। रक्तदान करने से लोगों को इससे होने वाले लाभ के बारे में बताकर ग्रामीण स्तर पर लोगों में जागरूकता फैलाकर जरूरतमंदों की सहायता करते है । वहीं जिले में सोशल मीडिया के सहारे लोगों को स्वच्छता, पर्यावरण सहित अन्य विषयों पर जागरूकता फैलाने का कार्य किया जा रहा है । इसके अलावा स्थानीय व क्षेत्रीय समस्याओं के प्रति अधिकारियों को ध्यान आकृष्ट कराना, झुग्गी-झोपड़ी के बच्चों को शिक्षा व शिक्षा के साधन मुहैया कराना, पर्यावरण संरक्षण, भ्रूण हत्या रोकने के लिए जागरूकता अभियान व आपदा काल में जरूरतमंद लोगों की सहायता करना सहित अन्य कार्य में अपनी सहभागिता दर्ज कराते आ रहे है। वहीं कोरोना महामारी के दौरान के पहले एवं उस दौर के बाद भी लोगों को फूड पैकेट व अन्य प्रकार से सहायता करते आ रहे हैं । गौ सेवा लगातार जारी है जिसमे 365 दिन 100 रोटी ख़िलाने का कार्य,दुर्घटनाग्रस्त पशुओं के ईलाज हेतु दवा उपलब्ध कराना जैसे कार्य नित्य किया जा रहा है। वर्तमान में भी शांता फाउंडेशन बिलासपुर एक कदम सहायता की ओर..नारे के साथ जरूरतमंद लोगों की सहायता में जुटे हुए है।
इस क्रम में शांता फाउंडेशन के संस्थापक समाज सेवी नीरज गेमनानी ने कहा कि परिवर्तन का नेतृत्व हमेशा युवाओं के हाथ में है। युवाओं में असीम ऊर्जा है। यदि इस ऊर्जा शक्ति को रचनात्मक दिशा दी जाये तो युवा सकारात्मक समाज की रचना में अपना अमूल्य योगदान दे सकेंगे।
फाउंडेशन के तत्वावधान में आयोजित समारोह में समाजसेवी संस्था आश्रयनिष्ठा वेलफेयर सोसायटी को भी उत्कृष्ट कार्यों के लिए बिलासपुर निधि सम्मान प्रदान किया गया। आश्रयनिष्ठा वेलफेयर सोसायटी की संस्थापिका औऱ सचिव अरुणिमा मिश्रा ने बताया कि विधवा व बुजुर्ग महिलाओं के अलावा असहाय बच्चों के उत्थान के लिए उनकी संस्था विगत दो वर्षों से लगातार सक्रिय भूमिका निभा रही हैं।