मो नासीर
दौलत की गर्मी जब सर पर चढ़ी हो तो फिर उनकी नजरों में आम आदमी कीड़े मकोड़े नजर आते हैं। ऐसे ही एक बिगड़े रहीस जादे ने दर्जन भर लोगों को अपनी कार से कुचल डाला। रविवार सुबह बिलासपुर लिंक रोड में दिल दहला देने वाले हादसे में शॉपिंग कंपलेक्स का निर्माण कर रहे मजदूर घायल हो गए। जिसमें से एक महिला ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। लिंक रोड में स्वदेशी प्लाजा शराब भट्टी के पास शॉपिंग कांपलेक्स का निर्माण किया जा रहा है। रोज की तरह यहां मजदूर निर्माण कार्य में जुटे हुए हैं थे। सुबह करीब 11:30 बजे के आसपास सीएमडी चौक से अग्रसेन चौक की ओर एक इंडिगो कार को चलाते हुए 15- 16 साल का नाबालिक इधर से गुजर रहा था ।
उसकी कार तेज गति पर थी। इस सड़क पर निर्माण सामग्री मौजूद होने की कारण वह कार पर से अपना नियंत्रण खो बैठा और उसकी कार तेज गति से पहले रेत के ढेर पर चढ़ गई । जिसके बाद कार अनियंत्रित होकर मजदूरों को कुचलते हुए राहगीरो के ऊपर चढ़ गई। इस हादसे में साइंस कॉलेज के पास अटल आवास में रहने वाली सरस्वती गोड़ की मौके पर ही मौत हो गई। वहीं उसके बेटे समेत करीब दर्जन भर लोग बुरी तरह जख्मी हो गए। किसी का हाथ टूटा। किसी का पैर । किसी के सर पर चोट आई। सभी घायलों को सिम्स एवं जिला अस्पताल में भर्ती किया गया है। हादसे के बाद इंडिगो कार पलट गई।
वहीं हादसे को अंजाम देने के बाद कार चालक मौका देखकर फरार हो गया। हालांकि बाद में पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया है, जिसे तार बाहर थाने में रखा गया है। बताया जा रहा है कि इस हादसे में 8 से अधिक लोग घायल हुए हैं। घटना के समय यहां 20 से 25 मजदूर काम कर रहे थे। प्रत्याशियों का कहना है कि नाबालिक कार चालक बहुत तेज गति से कार चला रहा था इसी कारण से वह अपना नियंत्रण खो बैठा।
धन्य है वह माता पिता जो अपने नाबालिग बच्चों को कार की चाबी देकर एक प्रकार से यह लाइसेंस दे देते हैं कि वो सड़क चलते लोगों को कुचल कर जान ले ले। उन्हें शायद लगता है कि उनके पास इतनी दौलत है जिससे वे लोगों की जान की कीमत भी चुका लेंगे। इस मामले में जितना दोषी नाबालिक कार चालक है, उससे कहीं अधिक दोषी उसके माता-पिता है। ऐसे लोगों के खिलाफ पहले कार्यवाही करनी चाहिए। वैसे पुलिस भी कानून के आगे बेबस है। इसलिए वह कानून के अनुसार नाबालिक के खिलाफ कार्यवाही कर रही है।
जाहिर है इस घटना में कई हताहत हुए हैं। लेकिन उसके बदले में नाबालिक को ना के बराबर सजा मिलेगी। प्रत्यक्षदर्शियों का मानना है कि कम उम्र का चालक, अनुभव हिनता के चलते कार पर नियंत्रण खो बैठा। जिस कारण से यह हादसा इतना भयानक हो गया। अगर वह समय पर ब्रेक लगा सकता तो शायद हादसा इतना भयंकर नहीं होता। तो वहीं सड़क पर बेतरतीब मौजूद निर्माण सामग्रियां भी इस हादसे की एक बड़ी वजह है। बिलासपुर नगर निगम और यातायात विभाग यह दावा करता है कि सड़क पर निर्माण सामग्रियों के खिलाफ कार्रवाई कर रहा है। लेकिन आश्चर्य है कि उन्हें लिंक रोड जैसे मुख्य सड़क पर मौजूद निर्माण सामग्रीया नहीं दिखती।
असल में पुलिस भी रसूखदारो के आगे बेबस है। चाहे वह निर्माण सामग्री रखने वाला रसूखदार बिल्डर हो या फिर नाबालिक के हाथ में कार की चाबी देने वाले गैर जिम्मेदार मां-बाप।
घायलों की सूची
इस सड़क हादसे में 8 लोग घायल हुए हैं
- श्याम सुंदर, 45 वर्ष फरहदा सीपत
2. भोली पटेल, 35 वर्ष, फरहदा सिफत
3 . रानी 19 वर्ष, फरहदा सीपत
4. रत्ना पटेल , 18 वर्ष फरहदा सीपत
5. अभय पटेल 22 वर्ष फरहदा, सीपत,
6. संजू पोर्ते, 23 वर्ष, साइंस कॉलेज के पीछे, सरकंडा
7. रामलाल ,50 वर्ष फरहदा, सीपत
8. धरमशिला साहू , 55 वर्ष केकरी ,जोंधरा, मस्तूरी