आकाश दत्त मिश्रा
अब तक मुंगेली में मीडिया के चहेते और लाडले रहे नए नवेले नगर पालिका परिषद अध्यक्ष हेमेंद्र गोस्वामी और मीडिया के एक गुट के बीच ठन गई है। मामला थाने तक जा पहुंचा है। लंबे गतिरोध के चलते मुंगेली में विकास के कार्य प्रभावित हो रहे थे। कई बरस तक मुंगेली में टेंडर तक नहीं निकले। अध्यक्ष बनने के बाद मुंगेली में नए नगर पालिका अध्यक्ष हेमेंद्र गोस्वामी द्वारा विभिन्न कार्यों के लिए टेंडर निकाले जा रहे हैं । इन्हीं ठेकों को प्राप्त करने की होड़ विवादों की असली वजह है।
बताया जा रहा है कि कुछ पत्रकारों ने भी स्वयं और अपने चहेते ठेकेदारों को ठेका दिलाने का प्रयास किया था। जिसमें नाकाम होने की खुन्नस निकालते हुए उन्होंने नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष के खिलाफ सनसनीखेज खबरें प्रकाशित की। ताजा घटनाक्रम में मुंगेली के पत्रकार संजय जयसवाल द्वारा अपने वेब पोर्टल पर प्रकाशित खबर से नगर पालिका परिषद अध्यक्ष इस कदर उखड़ गए कि वे और उनके साथ कुछ ठेकेदार एवं पार्षद भया दोहन करने, उनकी छवि खराब करने और उनके खिलाफ निराधार खबर प्रकाशित करने की शिकायत लेकर कोतवाली थाने पहुंच गए। खबर में यह आरोप लगाए गए हैं कि हेमेंद्र गोस्वामी ने अपने चहेते ठेकेदारों को ठेका दिलाया है। बताया जा रहा है कि ऐसा मुंगेली में पहली मर्तबा हुआ है जब किसी जनप्रतिनिधि ने सीधे थाने पहुंचकर किसी पत्रकार के खिलाफ एफ आई आर दर्ज कराने की मांग की है।
इधर पत्रकार के खिलाफ शिकायत किए जाने की खबर फैलते ही पत्रकार भी लामबंद हो गए। मुंगेली के पत्रकारों ने एकजुट होकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है। इसमें कहा गया है कि लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर मुंगेली में हमला किया जा रहा है। मुंगेली में व्याप्त भ्रष्टाचार और अनियमितताओं की खबर प्रकाशित किए जाने पर पत्रकारों को चिन्हित कर उनके खिलाफ कानूनी कार्यवाही का भय दिखाकर उन्हें रोका जा रहा है। इसे पत्रकारों की आवाज दबाने का प्रयास बताते हुए नगर पालिका परिषद अध्यक्ष हेमेंद्र गोस्वामी, उनके समर्थक पार्षदों और ठेकेदारों के ही खिलाफ कार्यवाही करने की मांग की गई है ।
इसी के साथ आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो चुका है। पुराने अनियमित कार्यों का हवाला देकर पत्रकार नगर पालिका परिषद को घेरने की कोशिश कर रहे हैं, तो वही नगर पालिका परिषद अध्यक्ष का कहना है कि अपने चहेते ठेकेदारों को काम नहीं मिलने पर उनके इशारे पर कुछ पत्रकार उनकी छवि बिगाड़ने के लिए मिथ्या खबर का प्रकाशन कर रहे हैं। जिसके खिलाफ उन्होंने कानूनी कार्यवाही की मांग की है ।दोनों ही पक्षों के अपने-अपने दावे हैं। लेकिन इस वजह से फिलहाल जनप्रतिनिधियों और मीडिया के बड़े वर्ग के बीच तलवार जरूर खींच गई है ,जो मुंगेली की सेहत के लिए किसी भी सूरत में सही नहीं कही जा सकती।