शांता फाउंडेशन बिलासपुर के द्वारा बसंत पंचमी के शुभअवसर पर कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए अटल आवास देवरीखुर्द में पाठ्य पुस्तक समाग्री वितरित किये । इस अवसर पर शांता फ़ाउंडेशन बिलासपुर के संस्थापक समाज सेवी नीरज गेमनानी ने कहा कि माँ सरस्वती को विद्या की देवी का दर्जा दिया जाता है। मान्यता है कि बसंत पंचमी के दिन ही माँ सरस्वती का प्राकट्य दिवस मनाया जाता है। प्रत्येक साल माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी का त्योहार मनाया जाता है। इस बार 5 फरवरी 2022 को बसंत पंचमी मनाई जा रही है। जानकार मानते हैं कि विधिपूर्वक इस दिन माँ सरस्वती की पूजा करने से भक्तों को देवी माँ की कृपा से बुद्धि और विद्या का वरदान प्राप्त होता है।
शांता फ़ाउंडेशन के सृष्टि सिंह ने कहा कि सरस्वती को विद्या की देवी माना जाता है। आज के दिन छोटे बच्चों को अक्षर ज्ञान करवाना सबसे शुभ माना जाता है। मान्यता है कि आज के दिन उनका पुस्तक पूजन करने से वो अधिक बुद्धिमान बनते हैं।
शांता फ़ाउंडेशन के विनीता राव ने कहा कि माता सरस्वती का वाहन है। हंस को लेकर कहा जाता है कि वो अपने विवेक से पानी मिले दूध से दूध अलग कर लेता है। इस प्रकार हंस हमें यह संदेश देता है कि हम भी लाभप्रद और कल्याणकारी रास्ते ही चुने और अपना जीवन विवेकपूर्ण ढंग से व्यतीत करें।
शांता फ़ाउंडेशन के प्राची ठाकुर ने कहा कि विद्या और ज्ञान बढ़ाने के लिए इस दिन गरीब बच्चों को किताबें-कॉपियां, कलम और पढ़ाई के लिए जरूरी चीजें बांटनी चाहिए। इस दौरान नेहा तिवारी, रुपाली पाण्डेय, दानेश राजपूत,जय प्रकाश तिवारी,पवन भोंसले उपस्थित रहे ।