श्री पितांबरा पीठ में उल्लास पूर्वक मनाया जा रहा है गुप्त नवरात्र


श्री पीताम्बरा पीठ सुभाष चौक सरकण्डा बिलासपुर छत्तीसगढ़ स्थित श्री पीताम्बरा पीठ ब्रम्हशक्ति बगलामुखी देवी मंदिर में माघ गुप्त नवरात्र उत्सव 2 फरवरी 2022 से 10 फरवरी 2022तक हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। गुप्त नवरात्र के पावन पर्व पर प्रातःकालीन देवाधिदेव महादेव का रूद्राभिषेक, श्री महाकाली, महालक्ष्मी, महासरस्वती, राजराजेश्वरी, त्रिपुरसुंदरी देवी का श्रीसूक्त षोडश मंत्र द्वारा दूधधारियापूर्वक अभिषेक किया जा रहा है। बसंत पंचमी के पावन पर्व पर मांँ श्री ब्रह्मशक्ति बगलामुखी देवी का विशेष पूजन श्रृंगार किया जाएगा।मंदिर के आचार्य पं. दिनेश चंद्र पाण्डेय जी महाराज ने बताया कि हिंदू पंचांग के अनुसार हर वर्ष माघ महीने की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि पर बसंत पंचमी का त्योहार बड़े ही उत्साह और जोश के साथ मनाया जाता है। ऐसी मान्यता है कि माघ माह पंचमी तिथि पर मां सरस्वती प्रकट हुई थीं। बसंत पंचमी पर मां सरस्वती की विशेष रूप से पूजा-आराधना होती है। मां सरस्वती को संगीत, कला, वाणी, विद्या और ज्ञान की अधिष्ठात्री देवी माना गया है। मान्यता है इस दिन विद्या आरंभ करने से ज्ञान में वृद्धि होती है। बसंत पंचमी को अबूझ मुहूर्त कहा जाता है और दिन कोई भी शुभ कार्य बिना मुहूर्त के संपन्न किया जा सकता है। बसंत पंचमी के दिन विवाह करना बहुत ही शुभ माना जाता है इसी कारण से बड़ी संख्या में इस दिन विवाह कार्यक्रम संपन्न किए जाते हैं। इसके अलावा बसंत पंचमी के दिन किसी नए काम का आरंभ करना शुभ माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि बसंत पंचमी के दिन किसी नए व्यवसाय, गृह प्रवेश और शुभ कार्य आरंभ करने से सब मंगलमय होता है। सिद्ध व साध्य योग, सूर्य बुध का बुधादित्य योग,सभी सात ग्रह चार भावों में स्थित होकर केदार नामक राजयोग बसंत पंचमी को श्री प्रदान कर विशेष बना रहे हैं। बृहस्पति प्रधान मीन राशि का चंद्रमा ,सूर्य व शनि (दोनों पिता पुत्र की उपस्थिति मकर राशि मे ) वर्षों बाद वसन्त पंचमी का पर्व इन शुभ योग में मनेगा। बुधादित्य योग विद्यार्थियों को शिक्षा में सफलता प्रदान करता है। केदार योग व्यक्ति को सुखी व समृद्धता प्रदान कर शाही सुख व आनन्द की प्राप्ति कराने में सहायक होता है।9 फरवरी महाष्टमी एवं 10 फरवरी महानंदा नवमी के रूप में मनाया जाएगा।

माँ श्री ब्रह्मशक्ति बगलामुखी देवी की उपासना विशेष रूप से वाद-विवाद, शास्त्रार्थ ,मुकदमें में विजय प्राप्त करने के लिए, आकारण आप पर कोई अत्याचार कर रहा हो तो उसे रोकने,सबक सिखाने, असाध्य रोगों से छुटकारा पाने, बंधन मुक्त, संकट से उद्धार,उपद्रवो की शांति, ग्रह शांति, एवं संतान प्राप्ति के लिए विशेष फलदाई है।

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