सोने की लालच में महिला डॉक्टर हुई चीनी ठग का शिकार, कथित डॉक्टर ने ठग लिए 48 लाख रुपए

मो नासीर

आमतौर पर एक डॉक्टर से बुद्धिमता पूर्ण निर्णय लेने की अपेक्षा की जाती है, लेकिन बिलासपुर सरकंडा की एक महिला डॉक्टर चीन के ठग के झांसे में आकर अपना 48 लाख रुपए गवा बैठी। वह तो उन्होंने अपने पिता से इस संबंध में चर्चा की, जिसके बाद मामले का खुलासा हो पाया।
बिलासपुर के राजकिशोर नगर में रहने वाली डॉक्टर कनुप्रिया की दोस्ती सोशल मीडिया के जरिए चीन के कथित डॉ यांग जिंग से हुई थी । उसने बताया था कि वह यूरोलॉजिस्ट है और काफी दिनों से चीन में प्रैक्टिस कर रहा है। दोस्ती के दौरान उस कथित चीनी डॉक्टर ने बताया था कि वह चीन में पढ़ने आया था और वही रहकर काम कर रहा है । चीन की सरकार ने उसका लाइसेंस और पासपोर्ट जप्त कर लिया है और उसकी स्थिति अच्छी नहीं है।

इस तरह से उसने महिला डॉक्टर को इमोशनली प्रभावित कर लिया। दोस्ती के दौरान उस चीनी ठग ने महिला को 70 लाख का सामान भेजने का झांसा दिया। उसने महिला को बतौर गिफ्ट एक पार्सल भेजने की बात कही। 25 जनवरी को इस पार्सल के सिलसिले में महिला के पास फोन आया था, जिसमें कहा गया कि उस पार्सल को प्राप्त करने के लिए उसे कस्टम चार्ज देना होगा, जिसकी राशि ₹75,000 है। इसके लिए उन्हें एक अकाउंट नंबर और आईएफएससी कोड भेजा गया था। जब डॉक्टर कनुप्रिया ने अपने चीनी दोस्त से उस पार्सल के बारे में पूछा तो उसने बताया कि उसमें सोने के समान है जो काफी कीमती है। सोने के प्रति महिलाओं की स्वाभाविक कमजोरी से डॉक्टर भी ना बच पाई और उसने उस पार्सल को हासिल करने के लिए अपने चीनी दोस्त के कहे अनुसार अकाउंट में पैसे डलवा दिए। इसके बाद तो यह सिलसिला शुरू हो गया। कभी किसी बात पर तो कभी किसी बात पर चीन का दोस्त खाते में पैसे डलवाने लगा। कुल 9 बार महिला ने उसके अकाउंट में ₹48लाख 16000 जमा कराएं।

डॉक्टर अनुप्रिया को लग रहा था कि उसका दोस्त ईमानदार है लेकिन इसी बीच उसने अपने पिता रमेश चंद्र श्याम से इस बारे में चर्चा की, जिनका माथा ठनका और उन्होंने अंदेशा जताया कि उनकी बेटी ऑनलाइन ठगी की शिकार हो गई है। लेकिन इसके बावजूद महिला पुलिस में शिकायत करने से हिचक रही थी। उन्हें लग रहा था कि शायद उनके ही खिलाफ कोई मामला बन जाए, लेकिन बाद में उन्होंने हिम्मत कर थाने में शिकायत दर्ज कराई । पुलिस ने अज्ञात आरोपी के खिलाफ धारा 420 के तहत मामला दर्ज कर लिया है। हैरानी इस बात की है कि पुलिस और मीडिया में बार-बार इस तरह की घटनाओं का जिक्र कर लोगों को सचेत किए जाने के बाद पढ़ी-लिखी डॉक्टर भी ऐसे ठगों के झांसे में आसानी से आ रही है।

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