केंद्र–राज्य सरकार किसान हितैषी, किसानों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में बड़ा कदम :- चंद्र प्रकाश सूर्या


मस्तूरी।
केंद्र सरकार की किसान हितैषी योजनाओं के तहत विकासखंड मस्तूरी के ग्राम नवागांव, हरदाडीह, मुड़पार, दर्राभाटा, दवनडीह, कौड़िया, देवरी, पंधी एवं खजुरी में कृषि विभाग की राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (ऑयलसीड) योजना अंतर्गत मूंगफली बीज का लगभग 310 एकड़ क्षेत्र के लिए निःशुल्क वितरण किया गया। इस दौरान करीब 220 किसानों को बीज का लाभ मिला।


कार्यक्रम में जिला पंचायत सभापति प्रतिनिधि एवं भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा छत्तीसगढ़ के प्रदेश महामंत्री श्री चंद्र प्रकाश सूर्या मुख्य रूप से उपस्थित रहे। उन्होंने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत और आत्मनिर्भर भारत के विजन को हम सब मिलकर साकार करें। केंद्र और राज्य सरकार लगातार किसानों के हित में बड़े और निर्णायक कदम उठा रही हैं।


उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में सरकार किसानों को समृद्ध, सशक्त और प्रगतिशील बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। पूरे देश में निःशुल्क बीज वितरण का अभियान चलाया जा रहा है। मस्तूरी विधानसभा क्षेत्र में भी अलग–अलग क्लस्टर बनाकर चना, उड़द, मूंगफली सहित दलहन–तिलहन फसलों के बीज वितरित किए जा रहे हैं, जिससे फसल विविधीकरण को बढ़ावा मिले और भूमि की उर्वरता बनी रहे।
श्री सूर्या ने बताया कि सरकार बीज के साथ–साथ निःशुल्क दवाइयों के वितरण की भी योजना बना रही है। उन्होंने आरईओ, कृषि मित्रों और कृषि अधिकारियों से आग्रह किया कि वे समय–समय पर किसानों से संपर्क कर योजनाओं की जानकारी देते रहें।


कार्यक्रम में जनपद अध्यक्ष सरस्वती सोनवानी ने किसानों को बीज वितरण पर बधाई दी। इस अवसर पर जनपद सदस्य रेवाशंकर साहू, भास्कर पटेल, उषा देवी केवट, सरपंच मनोज सिदार, रूबी रात्रे, अर्जुन यादव, भागवत यादव, यदूराम साहू, राधेश्याम मिश्रा सहित विभिन्न ग्रामों के सरपंच, जनप्रतिनिधि एवं वरिष्ठ नागरिक उपस्थित रहे।
कृषि विभाग की ओर से वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी श्री ए.के. आहिरे, ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी अशोक कुर्रे, अर्चना तिर्की, सुनीता करकेट्टा सहित अन्य अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने किसानों को मूंगफली की खेती से अधिक लाभ लेने, मिट्टी परीक्षण, जैविक खेती, रासायनिक उर्वरकों के कम उपयोग, कीटनाशक–फफूंदनाशक का आवश्यकता अनुसार छिड़काव तथा लाइन से बुवाई करने संबंधी विस्तृत जानकारी दी।
कार्यक्रम का उद्देश्य किसानों की आय बढ़ाना, भूमि की गुणवत्ता सुधारना और दलहन–तिलहन उत्पादन को प्रोत्साहित करना रहा, जिससे क्षेत्र के किसान आत्मनिर्भर बन सकें।

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