घरघोड़ा में जंगली सूअर के शिकार और कथित लेन–देन का गंभीर मामला, निष्पक्ष जांच की मांग

शशि मिश्रा

घरघोड़ा (रायगढ़)।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार घरघोड़ा थाना क्षेत्र के बरोनाकुंडा गांव के जंगल में जंगली सूअर के अवैध शिकार का एक गंभीर और चौंकाने वाला मामला सामने आया है। आरोप है कि कुछ ग्रामीणों ने जंगली सूअर को 11 केबी विद्युत लाइन से जोड़कर जंगल में बिछाई गई तार में फंसा कर हाई वोल्टेज करंट से मार डाला। यह कृत्य न केवल वन्यजीव संरक्षण कानून का घोर उल्लंघन है, बल्कि मानव जीवन के लिए भी अत्यंत खतरनाक बताया जा रहा है।

सूत्रों के अनुसार इस मामले में मनीराम राठिया, महात्मा राम राठिया, मोचन साय राठिया और रतिराम राठिया पर जंगली सूअर को बिजली की तार से फंसा कर मारने का आरोप है। बताया जा रहा है कि इस घटना के बाद मामले को दबाने के लिए कथित रूप से आर्थिक लेन–देन किया गया।

आरोप है कि घरघोड़ा थाना में पदस्थ मुंशी पारसमणि बेहरा ने प्रत्येक आरोपी से 80-80 हजार रुपये, कुल 3 लाख 20 हजार रुपये लेकर उन्हें छोड़ दिया। इसके साथ ही कथित तौर पर जंगली सूअर के करीब 5 किलो मांस को भी अपने पास रखने का आरोप लगाया गया है। हालांकि इन आरोपों की आधिकारिक पुष्टि अभी तक नहीं हो पाई है।

सूत्र यह भी बताते हैं कि इस पूरे मामले को “सेटलमेंट” कराने में नवागढ़ निवासी सुदामा और सियाराम राठिया की भूमिका बताई जा रही है। यदि यह आरोप सत्य पाए जाते हैं तो मामला केवल अवैध शिकार तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि इसमें पुलिस कर्मियों की कथित संलिप्तता और भ्रष्टाचार का गंभीर पहलू भी जुड़ जाएगा।

वन्यजीव प्रेमियों और स्थानीय लोगों का कहना है कि हाई वोल्टेज तार लगाकर जंगली जानवरों का शिकार करना बेहद खतरनाक है, जिससे जंगल में अन्य वन्य प्राणियों के साथ-साथ ग्रामीणों की जान को भी खतरा रहता है। ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई न होने से अपराधियों के हौसले बढ़ते हैं।

फिलहाल यह पूरा मामला आरोपों और सूत्रों पर आधारित है। आवश्यकता है कि जिला प्रशासन, वन विभाग और उच्च पुलिस अधिकारी इस प्रकरण की सूक्ष्म और निष्पक्ष जांच कराएं। यदि आरोप सही पाए जाते हैं तो दोषियों के खिलाफ वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, विद्युत अधिनियम और भ्रष्टाचार निवारण कानून के तहत कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं पर रोक लग सके।

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