
शशि मिश्रा

रायपुर। छत्तीसगढ़ में जमीन और संपत्तियों की गाइडलाइन दरों में बड़ा बदलाव किया गया है। केंद्रीय मूल्यांकन बोर्ड ने नए नियमों को तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया है। नए प्रावधानों से खासकर बहुमंजिला फ्लैट, दुकानें और आम नागरिकों को राहत मिलने की उम्मीद है। सबसे अहम निर्णय सुपर बिल्टअप एरिया से मूल्यांकन हटाकर अब बिल्टअप एरिया के आधार पर मूल्यांकन करने का है।
केंद्रिय मूल्यांकन बोर्ड की बैठक में प्रदेशभर से प्राप्त सुझावों, आपत्तियों और प्रस्तावों की विस्तृत समीक्षा के बाद कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। इन बदलावों से भूमि मूल्यांकन को अधिक पारदर्शी और सरल बनाने का लक्ष्य है।
बोर्ड द्वारा लिए गए प्रमुख निर्णय
1. नगरीय क्षेत्र में स्लैब दर का पुराना नियम फिर लागू
1400 वर्गमीटर तक भूखंडों की इंक्रीमेंटल गणना की व्यवस्था समाप्त कर दी गई है। अब पुनः पुराने उपबंध के अनुसार—
- नगर निगम: 50 डेसिमल तक
- नगर पालिका: 37.5 डेसिमल तक
- नगर पंचायत: 25 डेसिमल तक
स्लैब दर से मूल्यांकन किया जाएगा।
2. सुपर बिल्टअप एरिया का नियम समाप्त
बहुमंजिला फ्लैट, दुकान और कार्यालय का मूल्यांकन अब सुपर बिल्टअप की जगह बिल्टअप एरिया पर होगा।
यह प्रावधान मध्यप्रदेश काल से लागू था और लंबे समय से बदलाव की मांग उठ रही थी। इससे वर्टिकल डेवलपमेंट को बढ़ावा मिलेगा और जमीन का बेहतर उपयोग होगा।
3. ऊपरी मंजिलों पर मिलेगा मूल्यांकन में लाभ
बहुमंजिला भवनों और कमर्शियल कॉम्प्लेक्स में—
- बेसमेंट व प्रथम तल: 10% कमी
- द्वितीय तल एवं ऊपर के तल: 20% कमी
के साथ मूल्यांकन होगा।
इससे मध्यम वर्ग को किफायती दाम पर फ्लैट मिल सकेंगे।
4. कमर्शियल कॉम्प्लेक्स में 20 मीटर के बाद वाली संपत्तियों को राहत
मुख्य मार्ग से 20 मीटर की दूरी के बाद स्थित दुकानों/संपत्तियों के भूखंड मूल्य में 25% की कमी की जाएगी। दूरी का आधार कॉम्प्लेक्स के मुख्य मार्ग की ओर बने भाग से लिया जाएगा।
5. जिलों को 31 दिसंबर तक पुनरीक्षित प्रस्ताव भेजने के निर्देश
जिला मूल्यांकन समितियों को कहा गया है कि दरों में हाल ही हुई बढ़ोतरी पर प्राप्त आपत्तियों और ज्ञापनों का परीक्षण कर 31 दिसंबर तक पुनरीक्षण प्रस्ताव भेजें। इन्हीं के आधार पर नई गाइडलाइन दरें निर्धारित होंगी।
6. सभी निर्णय तत्काल लागू
केंद्रीय मूल्यांकन बोर्ड ने स्पष्ट किया है कि सभी नए नियम तुरंत प्रभावशील माने जाएंगे।
इन बदलावों से राज्य में रियल एस्टेट सेक्टर में सक्रियता बढ़ने, फ्लैट और दुकानों के मूल्यांकन में सुगमता आने, तथा नागरिकों पर आर्थिक बोझ घटने की संभावना जताई जा रही है।
