

⏺️ “ऑपरेशन शंखनाद” का दिखने लगा पॉजिटिव असर, कुख्यात गौ तस्कर जुड़ा समाज की मुख्यधारा से,
⏺️ जहां से शुरू हुआ “ऑपरेशन शंखनाद” वही खुला “बबलू शंख ढाबा” एसएसपी बने पहले ग्राहक, चाय पीकर चुकाई कीमत,
⏺️ अमजद हजाम उर्फ बबलू के विरूद्ध गौ-तस्करी के अनेकों अपराध पूर्व से दर्ज,
⏺️ एसएसपी शशि मोहन सिंह ने अपराध का रास्ता छोड़कर समाज के मुख्यधारा से जुड़ने की अपील किया,
⏺️ साईंटांगरटोली में कल संपन्न हुआ कम्युनिटी पुलिसिंग का कार्यक्रम, कई युवाओं ने अपराध का रास्ता छोड़ मुख्यधारा में जुड़ने का दोहराया संकल्प।
—00— ➡️जशपुर जिले का साईंटांगरटोली ग्राम लंबे समय से आपराधिक गतिविधियों, विशेषकर गौ-तस्करी के मामलों के लिए बदनाम रहा है। इसी ग्राम का निवासी अमजद हजाम उर्फ बबलू (उम्र 40 वर्ष) कई वर्षों से गौ-तस्करी के कारोबार में संलिप्त था। उसके विरुद्ध थाना लोदाम में गौ तस्करी के 03 मामले दर्ज हैं, वह पिछले 08 माह से लगातार पुलिस के साथ लुकाछिपी का खेल, खेल रहा था, अलग-अलग राज्यों में फरारी भी काट रहा था, अंततः जशपुर पुलिस के दबाव में आकर उसे सरेंडर करना पड़ा। अमजद पुलिस की निगरानी में लगातार बना रहा। जशपुर पुलिस की सतत माॅनीटरिंग और सटीक सूचना तंत्र के कारण उसकी गतिविधियों पर लगातार अंकुश लगाया जाता रहा।

एसएसपी शशि मोहन सिंह से मुलाकात, जिसने बदल दी जिंदगी:-
➡️ अमजद उर्फ बबलू के जेल से छूटने के बाद एसएसपी शशि मोहन सिंह ने उसे कार्यालय में बुलाया और समझाया कि :- अपराध करने के बाद पुुलिस से कब तक भागते रहोगे? अपराध का कोई भविष्य नहीं होता। इससे केवल जेल, भय और असुरक्षा मिलती है। तुम्हारी आने वाली पीढ़ियाँ भी अंधकार में चली जाएँगी। यदि तुम सही रास्ता चुनो तो सम्मानजनक जीवन तुम्हारा इंतजार कर रहा है।“ इन बातों ने अमजद पर गहरा मनोवैज्ञानिक और भावनात्मक प्रभाव डाला। उसने पहली बार महसूस किया कि अपराध से जुड़े रहने पर न तो स्थायी कमाई संभव है और न ही परिवार का भविष्य सुरक्षित। उसने स्वयं आगे आकर अपराधमुक्त जीवन जीने का वचन लिया और समाज की मुख्यधारा में लौटने का निश्चय किया।
अपराध छोड़कर स्वावलंबन की ओर ”बबलू शंख ढाबा“ का शुभारंभः- ➡️समाज में नई शुरुआत और सम्मानजनक आजीविका के लिए अमजद ने छत्तीसगढ़- झारखंड की सीमा पर अपना नया ढाबा *"बबलू शंख ढाबा"* शुरू किया। यह क्षेत्र मुख्य मार्ग पर स्थित होने के कारण यात्रियों की आवाजाही अधिक रहती है, जिससे उसे स्थायी आय का भरोसा मिला। ढाबा के उद्घाटन के लिए अमजद ने एसएसपी शशि मोहन सिंह को आमंत्रित किया, जिसे उन्होंने सहर्ष स्वीकार किया। दिनांक 04 दिसंबर 2025 को एसएसपी स्वयं स्थल पर पहुंचे और विधिवत रूप से ढाबा का उद्घाटन किया, इस ढाबा के एसएसपी पहले ग्राहक बने, उन्होंने अमजद के ढाबा से चाय पिया और उसकी कीमत अदा की, साथ ही सफल ढाबा संचालन की बधाई दी। इस दौरान आसपास के ग्रामीण, व्यापारी, पुलिस अधिकारी तथा स्थानीय जनप्रतिनिधि भी उपस्थित रहे। इस अवसर पर सभी ने अमजद के सकारात्मक निर्णय का स्वागत किया और उसे उसके नए जीवन की शुभकामनाएँ दीं।
ग्रामीणों को अपराध छोड़ने का संदेश:-
➡️उद्घाटन के दौरान एसएसपी ने उपस्थित ग्रामीणों एवं युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि:- “अपराध कोई विकल्प नहीं है। एक अपराधी अपने परिवार, समाज और स्वयं को नुकसान पहुंचाता है। यदि कोई व्यक्ति ईमानदारी से अपराध छोड़कर मुख्यधारा में वापस आना चाहता है तो जशपुर पुलिस उसका हर संभव सहयोग करेगी। यह कम्युनिटी पुलिसिंग का उत्कृष्ठ उदाहरण है।”
एसएसपी ने युवाओं को सही राह चलने की अपील किया:- एसएसपी ने ग्रामीणों को संबोधित करते हुये कहा कि पुलिस और समाज मिलकर ऐसे युवाओं को सही दिशा दे सकते हैं, जो किसी कारणवश गलत रास्ते पर चले जाते हैं।
जशपुर पुलिस की सकारात्मक पहल:-
➡️एसएसपी की इस पहल को जिले में समाज पुनर्वास माॅडल के रूप में देखा जा रहा है। पुलिस का उद्देश्य केवल अपराधियों को पकड़ना नहीं, बल्कि अपराध की जड़ें काटते हुए लोगों को सुधार के अवसर देना भी है। अमजद हजाम उर्फ बबलू ने कहा कि ” अब मैं अपराध से हमेशा के लिए दूर रहूंगा। एसएसपी साहब ने मुझे समझाया तब मुझे पहली बार लगा कि जीवन बदल सकता है, अब मैं अपने परिवार का पेट ईमानदारी से पालूंगा।” ➡️अमजद का अपराध की दुनिया से बाहर निकलकर आत्मनिर्भर जीवन की दिशा में बढ़ना न केवल उसके लिए बल्कि पूरे समाज के लिए एक प्रेरणादायक उदाहरण है। जशपुर पुलिस का यह कदम जिले में सामाजिक सौहार्द, सकारात्मक परिवर्तन और अपराध मुक्त वातावरण को बढ़ावा देने की दिशा में महत्वपूर्ण उपलब्धि है। 👮♂️एसएसपी शशि मोहन सिंह ने कहा है कि:- *” यह एक तरह से कम्यूनिटी पुलिसिंग का उदाहरण है, जशपुर पुलिस का यह प्रयास जिले में सकारात्मक परिवर्तन, सुधारात्मक दृष्टिकोण और जन-विश्वास को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, भविष्य में भी इस तरह के पुनर्वास के प्रयास जारी रहेंगे।“*
