

ज़िला कांग्रेस कमेटी ( शहर/ग्रामीण ) द्वारा आज 3 दिसम्बर को कांग्रेस भवन में प्रथम राष्ट्रपति ,भारत रत्न स्व राजेन्द्र प्रसाद की जयंती मनाई गई ,उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उनके योगदान को कांग्रेसजन याद किये ।
इस अवसर पर जिला ग्रामीण अध्यक्ष महेंद्र गंगोत्री ने कहा राजेन्द्र प्रसाद एक स्वतंत्रता सेनानी,राष्ट्रभक्त , विधि विशेषज्ञ थे ,वे छात्र जीवन से ही 1906 के स्वयं सेवक के रूप में कांग्रेस के कलकत्ता अधिवेशन में शामिल हुए,बिहार में नील की खेती के विरोध में चम्पारण्य आंदोलन का सफल नेतृत्व किया ,वे गांधी जी प्रभावित थे , 1920 असहयोग आंदोलन, 1930 नमक तोड़ो आंदोलन और 1942 क भारत छोड़ो आंदोलन में जेल जाना पड़ा, अंतरिम सरकार में प्रथम कृषि एवं खाद्य मंत्री बने ,संविधान सभा के अध्यक्ष बने और 26 जनवरी 1950 देश के प्रथम राष्ट्रपति बने ,उनका योगदान राष्ट्र निर्माण में अतुलनीय है।
संयोजक ज़फ़र अली ,हरीश तिवारी ने कहा कि डॉ राजेन्द्र प्रसाद का जन्म 3 दिसम्बर 1884 को बिहार में एक कायस्थ परिवार में हुआ ,वे कुशाग्र बुद्धि के प्रतिभावान छात्र रहे ,उन्होंने अर्थ शास्त्र में एमए करने के बाद अध्यापक बन गए किन्तु शीघ्र ही विधि की पढ़ाई के लिए कलकत्ता आ गए और उन्होंने विधि विषय मे पीएचडी प्राप्त की और वकालत शुरू की किन्तु गांधी जी से प्रभावित होकर सक्रिय रूप से स्वतंत्रता आंदोलन में कूद पड़े । वे देश के दो बार राष्ट्रपति बने,उन्हें भारतरत्न दिया गया ,फरवरी 1963 को उनका निधन हुआ ,
कार्यक्रम में
ग्रामीण अध्यक्ष महेंद्र गंगोत्री,संयोजक ज़फ़र अली,हरीश तिवारी, विनोद शर्मा,माधव ओत्तालवार, त्रिभुवन कश्यप, विनोद साहू,पार्षद ओम कश्यप,राजेश शर्मा, देवदत्त शर्मा,सुभाष ठाकुर ,सावित्री सोनी, राजेश ताम्रकार,राजीव साहू,मनोज सिंह,हेरि डेनिएल,हेमन्त दिघरस्कर,बद्री यादव,दीपक रायचेलवार,शांत सिंह ठाकुर,टिक्कू ऋषि सिंह,संतोष ध्रुव,रवि बोले,कुश बोले,प्रियल कुमार,मोह अयूब,चन्दन सिंह,आदि उपस्थित थे।
