

बिलासपुर। मौसाजी स्वीट्स एंड रेस्टोरेंट में स्टेट जीएसटी विभाग की कार्रवाई लगातार दूसरे दिन भी जारी रही। मंगलवार देर रात तक अलग-अलग टीमों ने तिफरा, श्रीकांत वर्मा मार्ग, मंगला, गोलबाजार और सरकंडा स्थित सभी शाखाओं में फाइलें व दस्तावेज खंगाले। अधिकारियों के अनुसार प्रारंभिक जांच में बिक्री के मुकाबले बिलिंग बेहद कम पाए जाने और इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) के दुरुपयोग की पुख्ता जानकारी मिलने के बाद यह कार्रवाई की गई है।
सुबह नाश्ता करके की गई पुष्टि
अधिकारियों ने सोमवार सुबह सभी रेस्टोरेंट में नाश्ता किया और कुछ पैकेटबंद सामान भी खरीदा। इस दौरान उन्होंने काउंटर पर बिलिंग प्रक्रिया पर नजर रखी। काउंटर की गतिविधियां और वास्तविक बिक्री के मुकाबले जारी बिलों में अंतर मिलने के बाद टैक्स चोरी की पुष्टि हुई। इसके तुरंत बाद सभी स्थानों पर एक साथ दबिश दी गई।
दो दिन बाद भी विभाग कुल टैक्स चोरी का आकलन नहीं कर सका
जांच टीमों ने लगातार दो दिनों तक दस्तावेज, स्टॉक, बिलिंग पैटर्न, GST रिटर्न और ITC क्लेम की बारीकी से जांच की। सूत्रों के अनुसार फर्जी बिलों के जरिए ITC समायोजन का शक सबसे पुख्ता माना जा रहा है।
हालांकि देर रात तक की जांच के बाद भी विभाग कुल टैक्स चोरी की राशि का आकलन नहीं कर पाया है। बुधवार सुबह से टीमें फिर से संस्थानों में पहुंचकर बची हुई फाइलों और एंट्री की जांच कर रही हैं।
क्यों हुई कार्रवाई?
- बिक्री के अनुपात में बिलिंग कम
- ITC के जरिए टैक्स चोरी का अंदेशा
- काउंटर पर वास्तविक बिक्री और बिलिंग में अंतर
- फर्जी बिलिंग के प्रारंभिक संकेत
स्टेट जीएसटी विभाग आगामी दिनों में जांच रिपोर्ट तैयार कर सकता है। रिपोर्ट के आधार पर मौसाजी ग्रुप पर भारी जुर्माना और कर वसूली की कार्रवाई संभव मानी जा रही है।
