छत्तीसगढ़ में आयुष्मान इलाज पर नई निगरानी प्रणाली: मोबाइल पर आएगा मेसेज, पता चलेगा कितना हुआ खर्च और कितना बचा बैलेंस

छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य विभाग आयुष्मान और डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना में होने वाली अनियमितताओं को रोकने के लिए बड़ा बदलाव करने जा रहा है। अब मरीजों को बैंक की तरह इलाज के हर खर्च का मोबाइल पर एसएमएस अलर्ट मिलेगा। इलाज, जांच या कार्ड ब्लॉक होने जैसी गतिविधियों की जानकारी तत्काल ही लाभार्थी के पंजीकृत नंबर पर पहुंच जाएगी।

फर्जीवाड़े की शिकायतों के बाद तैयार हुआ सिस्टम

स्वास्थ्य विभाग को कई बार शिकायतें मिलीं कि जितना इलाज हुआ नहीं, उससे अधिक राशि मरीजों के आयुष्मान खाते से काट ली गई। हाल ही में योजना के ऑडिट में भी बड़े स्तर पर गड़बड़ी उजागर हुई थी। कई अस्पतालों ने कैशलेस इलाज के लिए भर्ती मरीजों से अलग से राशि वसूल ली थी। कार्रवाई करते हुए विभाग ने चार निजी अस्पतालों पर जुर्माना लगाकर उन्हें एक-एक साल के लिए निलंबित कर दिया है।

राज्य में निजी और सरकारी अस्पताल हर महीने करीब 150 करोड़ रुपये का क्लेम स्वास्थ्य बीमा योजना में भेजते हैं, ऐसे में पारदर्शिता बढ़ाना आवश्यक माना गया।

अब मोबाइल पर तुरंत मिलेगा मैसेज

नया सिस्टम बैंकिंग अलर्ट के मॉडल पर तैयार होगा।
जिस तरह ATM या डिजिटल भुगतान पर तुरंत मैसेज आता है, उसी तरह—

इलाज पर खर्च की गई राशि

खाते में बचा बैलेंस

कौन-सी प्रक्रिया पर कितना पैसा कटा

कार्ड ब्लॉक या कार्ड उपयोग की जानकारी

कुछ ही सेकंड में मरीज के मोबाइल पर पहुंच जाएगी।

इससे मरीजों को पता चलेगा कि उनका कार्ड कहां और कैसे उपयोग हो रहा है, तथा अस्पतालों की मनमानी पर रोक लगाई जा सकेगी।

मरीज कर सकेंगे तत्काल शिकायत

यदि किसी तरह की विसंगति दिखाई देती है, तो मरीज सीधे टोल-फ्री नंबर 104 या 14555 पर शिकायत कर सकेंगे। विभाग खुद भी ऑनलाइन सॉफ्टवेयर में उपलब्ध डेटा की जांच-परख करता रहेगा।

स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल से बातचीत

प्रश्न: इस नए सिस्टम की जरूरत क्यों?
जवाब: कुछ अस्पताल कार्ड ब्लॉक कर ज्यादा पैसा काट रहे हैं। शिकायतें बढ़ रही थीं, इसलिए नया सिस्टम लाया जा रहा है।

प्रश्न: इससे क्या फायदा होगा?
जवाब: अस्पतालों की मनमानी रुकेगी। मरीजों को पता रहेगा कि कितना इलाज हुआ और कितना पैसा कटा। पारदर्शिता बढ़ेगी।

प्रश्न: सिस्टम कब तक तैयार होगा?
जवाब: इस पर काम चल रहा है। जल्द लागू करने की कोशिश है। इससे जनता को यह भी पता चलेगा कि सरकार उनके इलाज पर कितना खर्च कर रही है।

इस तरह काम करेगा नया सिस्टम

अस्पताल में आयुष्मान कार्ड से उपचार या जांच होते ही

मशीन या डिवाइस सीधे आयुष्मान भारत के बैंकिंग सिस्टम से जुड़ेगी

ट्रांजेक्शन प्रोसेस होते ही मरीज के मोबाइल पर स्वचालित एसएमएस जाएगा

खर्च और बैलेंस का पूरा विवरण तुरंत उपलब्ध होगा

स्वास्थ्य विभाग उम्मीद कर रहा है कि यह नई व्यवस्था निजी अस्पतालों की अनियमितताओं पर अंकुश लगाएगी और आम मरीजों के लिए योजना को और अधिक पारदर्शी और सुरक्षित बनाएगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!