

बिलासपुर। राज्य शासन द्वारा जमीनों की नई गाइडलाइन दरें 20 नवंबर से लागू किए जाने के बाद पूरे जिले में रजिस्ट्री प्रक्रिया पूरी तरह थम गई है। जिला पंजीयन कार्यालय में लगातार दूसरे दिन भी एक भी रजिस्ट्री नहीं हो सकी। गाइडलाइन लागू होते ही सॉफ्टवेयर अपडेट की बाध्यता के चलते पंजीयन विभाग कार्य नहीं कर पा रहा है, जिससे दस्तावेज लेकर पहुंचे लोग परेशानी में भटकते रहे और पूरा कार्यालय दिनभर सुनसान दिखाई दिया।
नई दरें लागू होते ही सिस्टम बैठा, आवेदक लौटे निराश
पंजीयन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि नई दरों को सॉफ्टवेयर में अपलोड करना अनिवार्य है। जब तक अपडेट प्रक्रिया पूरी नहीं होती, किसी भी प्रकार की रजिस्ट्री संभव नहीं है। कई लोग अपने दस्तावेज लेकर निर्धारित तारीख पर पहुंचे, लेकिन उन्हें लौटाया गया। इससे गृह खरीदार, विक्रेता और बिचौलियों में खासा असंतोष देखा गया।

दस्तावेज लेकर आए कई लोग दो दिन से कार्यालय के चक्कर लगा रहे हैं। कर्मचारी पूरी तरह सिस्टम अपडेट में व्यस्त हैं, जबकि आवेदक लगातार पूछते रहे कि रजिस्ट्री कब से शुरू होगी।
टोकन कटवाने वाले भी उलझन में
नई गाइडलाइन के लागू होते ही टोकन कटवाने वालों में भ्रम की स्थिति बन गई। कई आवेदकों को लगा कि उनकी रजिस्ट्री रोक दी गई है। हालांकि विभाग का कहना है कि—
“20 नवंबर से पहले कटे हुए टोकन पर रजिस्ट्री पुरानी दरों पर ही की जाएगी।”
अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि प्रक्रिया तकनीकी वजहों से रुकी है, न कि किसी प्रशासनिक निर्णय से।
6 साल बाद आई नई गाइडलाइन दरें, 20 से 40% तक बढ़ोतरी
राज्य सरकार ने 2019 के बाद अब जाकर नई गाइडलाइन दरें जारी की हैं। इस बार कई इलाकों में दरें 40% तक बढ़ गई हैं। शहर के प्रमुख मार्गों पर दरें बाजार मूल्य के करीब लाई गई हैं, जबकि सेंदरी, मोपका, चिल्हाटी और अमेरी जैसे इलाकों में नई दरें बाजार मूल्य से भी अधिक हो गई हैं।
शहर के कई क्षेत्रों में जमीन हुई महंगी
प्रमुख मार्गों और कॉलोनियों में जमीन की दरें काफी बढ़ाई गई हैं।
एक ही वार्ड में पास-पास की जमीनों की कीमतों में जो विसंगतियां थीं, उन्हें दूर कर दरें समान कर दी गई हैं।
नई दरें लागू होने से रजिस्ट्री शुल्क बढ़ेगा और गृह खरीदारों को अधिक लागत चुकानी पड़ेगी।
लोन की किस्तें भी बढ़ने की आशंका है।
सेंदरी में पुरानी दर 493 रुपये/वर्गमीटर थी, जो अब बढ़कर 923 रुपये/वर्गमीटर हो गई है। कई अन्य क्षेत्रों में भी इसी तरह की बढ़ोतरी देखी गई है।
नई गाइडलाइन से बढ़ी उपभोक्ताओं की चिंता
घर खरीदना हुआ महंगा
नई गाइडलाइन के साथ रजिस्ट्री शुल्क बढ़ने से अब घर खरीदने की कुल लागत बढ़ जाएगी।
विशेषज्ञों का कहना है कि यह बढ़ोतरी सरकार की राजस्व आय बढ़ाने के उद्देश्य से की गई है।
लेनदेन में बढ़ सकती हैं दिक्कतें
क्रेडाई प्रेसीडेंट सुशील पटेरिया के अनुसार—
“कई जगहों पर सरकारी दरें बाजार मूल्य से ऊपर चली गई हैं। इससे लेनदेन में विवाद और दिक्कतें आ सकती हैं।”
सरकार का पक्ष: विसंगतियां दूर की गईं
प्रभारी जिला पंजीयक दीपक मंडावी ने कहा—
“नई दरें वैज्ञानिक तरीके से तय की गई हैं। कई वार्डों में एक ही मार्ग पर जमीनों की अलग-अलग दरों से जो भ्रम की स्थिति थी, उसे खत्म किया गया है।”
उन्होंने बताया कि जमीन की गाइडलाइन 2019 के बाद पहली बार बदली गई है, इसलिए दरों का पुनर्गठन जरूरी था।
नई गाइडलाइन दरें लागू होने के बाद जहां सरकार इसे आवश्यक सुधार बता रही है, वहीं शहर के लोग रजिस्ट्री रुकने और दरों में हुई बढ़ोतरी से परेशान हैं। सॉफ्टवेयर अपडेट होने के बाद ही रजिस्ट्री प्रक्रिया सामान्य होगी, लेकिन फिलहाल खरीदी-बिक्री से जुड़े सभी लोग असमंजस और प्रतीक्षा की स्थिति में हैं।
