

बिलासपुर। करबला रोड स्थित वार्ड 33 में सिंधी धर्मशाला के सामने आवासीय नक्शे पर बनाए गए जी+4 भवन और चार दुकानों पर निगम ने बड़ी कार्रवाई करते हुए मंगलवार को सील लगा दी। यह निर्माण हेमा भगतानी के नाम पर दर्ज है। निगम के अनुसार निर्माण प्रारंभ होने के बाद से ही इसमें नियम-विरुद्ध परिवर्तन किए जा रहे थे। तीन बार नोटिस देने के बावजूद भवन मालिक की ओर से कोई जवाब नहीं मिलने पर अंततः सीलिंग की कार्रवाई की गई।
निगम सूत्रों के मुताबिक शिकायतें मिल रही थीं कि एक भाजपा नेता के दबाव के कारण कार्रवाई रोकी जा रही है। यहां तक कि उस नेता द्वारा शहर विधायक का नाम लेकर अधिकारियों पर दबाव बनाने की बात भी सामने आई थी। जबकि शहर विधायक ने सार्वजनिक मंचों पर स्पष्ट कहा है कि अवैध निर्माण पर कार्रवाई अवश्य होगी और किसी भी प्रकार का राजनीतिक दबाव स्वीकार नहीं किया जाएगा। इसके बावजूद उनके नाम का उपयोग किए जाने से निगम अधिकारी असमंजस में रहे। अंततः निर्धारित प्रक्रिया पूरी कर भवन और दुकानों को सील कर दिया गया।
जवाली नाले पर पार्षद पति के अवैध कब्जे पर भी चली निगम की कार्रवाई
इसी कड़ी में वार्ड क्रमांक 3 की भाजपा पार्षद किरण टंडन के पति राजेंद्र टंडन द्वारा उसलापुर स्कूल के पीछे करीब 7 डिसमिल सरकारी भूमि पर किए गए अवैध कब्जे को निगम ने हटाते हुए निर्माण तोड़ दिया। साथ ही इसी क्षेत्र में महेश जांगड़े द्वारा की गई अवैध प्लॉटिंग और दुकानों को भी तोड़कर कार्रवाई की गई।
आडवाणी की बिल्डिंग पर कार्रवाई न होने से उठ रहे सवाल
करबला रोड क्षेत्र में ही प्रकाश आडवाणी के नाम दर्ज एक अन्य विवादित निर्माण पर निगम की निष्क्रियता को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं। इस भवन को आवासीय नक्शे की अनुमति मिली थी, लेकिन निर्माण व्यावसायिक स्वरूप में कर दिया गया। इसके बावजूद निगम द्वारा कोई ठोस कार्रवाई न करने से स्थानीय लोगों में नाराजगी है।
करबला रोड और आसपास के इलाकों में अवैध निर्माणों पर निगम की ताजा कार्रवाई चर्चा का विषय बनी हुई है। वहीं चयनात्मक कार्रवाई के आरोप भी सामने आ रहे हैं, जिन्हें लेकर निगम पर दबाव बढ़ना तय माना जा रहा है।
