
शशि मिश्रा

बिलासपुर। बिलासपुर सिटी कोतवाली थाना क्षेत्र में दर्ज एक मामले को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। तेलीपारा नवीन प्लाजा के पास रहने वाली सुनीता पटेल ने शिकायत दी कि 16 नवंबर की रात करीब 9 से 9.30 बजे कांग्रेस नेता श्याम कश्यप शराब के नशे में उनके घर पहुंचे, गाली-गलौज की, जान से मारने की धमकी दी और धक्का-मुक्की की। महिला की शिकायत पर पुलिस ने उसी रात केस नंबर 628/2025 दर्ज कर लिया।
कांग्रेस नेता पलटवार में सामने आए
शिकायत दर्ज होने के बाद श्याम कश्यप ने भारी आरोप लगाते हुए कहा कि घटना का समय पूरी तरह गलत है क्योंकि उसी दौरान वे ग्राम लिंगियाडीह में कुशवाहा कल्याण विकास समिति की सामाजिक बैठक में थे। बैठक में 20 से अधिक लोग उपस्थित थे और बैठक पंजी में उनके हस्ताक्षर भी दर्ज हैं। उन्होंने कहा कि “जब घटना हुई ही नहीं… तो FIR कैसे दर्ज हो गई?”
श्याम कश्यप ने आरोप लगाया कि सुनीता पटेल, उनके बेटे नवीन और बहू ने जमीन विवाद की रंजिश में पुलिस की मिलीभगत से यह झूठी शिकायत कराई है। उन्होंने बताया कि दिव्यानंद पटेल और सुनीता पटेल के खिलाफ वे पहले से 420, 467, 468, 471 सहित कई धाराओं में न्यायालय में परिवाद पेश कर चुके हैं, जिस कारण पक्षकारों में तनाव है।
पूर्व विवाद भी सामने आए
कश्यप ने दावा किया कि यह पहला मामला नहीं है। साल 2024 में भी तारबाहर थाने में उनके खिलाफ इसी तरह की शिकायत दर्ज कराई गई थी, जो जांच में फर्जी पाई गई और खारिज कर दी गई। उन्होंने कहा कि उसी पैटर्न पर दोबारा उन्हें फंसाने की कोशिश की जा रही है।
पुलिस पर बिना जांच केस दर्ज करने का आरोप
कश्यप के अनुसार नवीन प्लाजा क्षेत्र में कई दुकानें और CCTV कैमरे लगे हैं, जिनकी जांच किए बिना पुलिस ने सीधे रिपोर्ट दर्ज कर ली। उन्होंने कहा कि घटना का समय, उनकी लोकेशन, गवाह और सामाजिक बैठक—all तथ्यों की जांच करने की जिम्मेदारी पुलिस की थी, लेकिन बिना सत्यापन के FIR पंजीबद्ध कर दी गई।
कई अधिकारियों को भेजी विस्तृत शिकायत
कांग्रेस नेता श्याम कश्यप ने इस मामले की स्वतंत्र जांच की मांग करते हुए डीजीपी, आईजी, एसपी, कलेक्टर से लेकर थाना प्रभारी तक सभी को विस्तृत शिकायत भेजी है। उन्होंने फर्जी FIR को खारिज करने और झूठी शिकायत दर्ज करने वाले तथा झूठा बयान देने वालों पर भी मामला दर्ज करने की मांग की है।
संपत्ति विवाद को बताया जड़
कश्यप ने कहा कि उनके बेटे व बेटी द्वारा संपत्ति विवाद को लेकर दायर मामलों के बाद से दिव्यानंद पटेल और उनका परिवार उनसे रंजिश रखता है। यही वजह है कि उन्हें लगातार झूठे मामलों में फंसाने की कोशिश की जा रही है।
मामला अब पुलिस बनाम कांग्रेस नेता के आरोपों के बीच खड़ा है, और दोनों पक्ष अपने-अपने आरोपों पर अडिग हैं।
