

बिलासपुर। समर्थन मूल्य पर धान खरीदी को लेकर जिले के उपार्जन केंद्रों में अव्यवस्था चरम पर है। हालत यह है कि कई समितियों में ताला बंद की नौबत आ गई है और किसान अपनी उपज बेचने के लिए भटक रहे हैं। इन्हीं समस्याओं को लेकर मंगलवार को जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष विजय केशरवानी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने कलेक्टर से मुलाकात की और तत्काल व्यवस्था सुधारने की मांग की। कांग्रेस ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द सुधार नहीं हुआ, तो समितियों में किसानों के साथ मिलकर धरना-प्रदर्शन और बड़ा आंदोलन किया जाएगा।
धान खरीदी में भारी अव्यवस्था, किसान परेशान
कांग्रेस ने आरोप लगाया कि प्रदेश की भाजपा सरकार किसानों का धान खरीदने में असफल साबित हो रही है। धान खरीदी शुरू होने से पहले ही समिति प्रबंधक, कंप्यूटर ऑपरेटर और अन्य कर्मचारी हड़ताल पर चले गए, लेकिन राज्य सरकार ने समय पर कोई पहल नहीं की। इसके कारण अधिकांश केंद्रों में खरीदी प्रक्रिया ठप है और किसान अपनी मेहनत की उपज लेकर वापस लौटने को मजबूर हैं।

विजय केशरवानी ने कहा कि किसानों को धान की मिसाई के बाद वाहन किराए पर लेकर समितियों तक जाना पड़ रहा है, लेकिन तालाबंदी के कारण उन्हें वापस लौटना पड़ रहा है, जिससे किसानों को दोहरी मार झेलनी पड़ रही है। धान को सुरक्षित रखने की समस्या भी गंभीर हो गई है।
कई गांवों में ऑनलाइन पंजीयन नहीं, किसान भटक रहे
प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि जिले के कई गांवों, विशेषकर मस्तूरी विधानसभा के केंवटाडीह, के किसानों का ऑनलाइन पंजीयन ही नहीं हो पाया है। पंजीयन न होने के कारण वे समर्थन मूल्य पर धान बेच नहीं पा रहे हैं। कांग्रेस ने इसे कृषि विभाग की गंभीर लापरवाही बताया और इन किसानों के लिए तत्काल समाधान की मांग की।
खरीदी केंद्रों में सुविधाओं का अभाव
कांग्रेस ने आरोप लगाया कि वर्तमान सरकार ने खरीदी केंद्रों में किसानों के लिए कोई सुविधा उपलब्ध नहीं कराई है। पहले की तरह न छांव की व्यवस्था है, न पीने के पानी की। किसान घंटों परेशान होकर खड़े रहते हैं, लेकिन प्रशासन की ओर से कोई व्यवस्था नहीं दिखाई दे रही।
टोकन के लिए भी किसान परेशान
धान बेचने के लिए आवश्यक टोकन प्राप्त करने में भी किसानों को दिक्कतें आ रही हैं। कई किसान समितियों के चक्कर काट रहे हैं, परंतु टोकन उपलब्ध नहीं हो रहे। कांग्रेस ने कहा कि सरकार के दावे पूरी तरह फेल साबित हो रहे हैं और अन्नदाता किसान भटकने को मजबूर हैं।
बिना प्रशिक्षण के कर्मचारियों पर खरीदी की जिम्मेदारी
कर्मचारियों की हड़ताल के बीच कृषि व अन्य विभागों के कर्मचारियों की ड्यूटी उपार्जन केंद्रों में लगा दी गई है। कांग्रेस ने सवाल उठाया कि बिना प्रशिक्षण ये कर्मचारी धान खरीदी की प्रक्रिया कैसे संभालेंगे? इससे किसानों को नुकसान होने की आशंका है।
सुधार नहीं हुए तो बड़े आंदोलन की चेतावनी
प्रतिनिधिमंडल ने कलेक्टर से मांग की कि जिले के सभी उपार्जन केंद्रों में तत्काल व्यवस्था दुरुस्त की जाए और किसानों को राहत दी जाए। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि शासन-प्रशासन ने समय रहते समस्या का समाधान नहीं किया, तो जिला कांग्रेस कमेटी बड़ा जन आंदोलन करेगी।
प्रतिनिधिमंडल में शामिल रहे
कलेक्टर से मुलाकात के दौरान प्रतिनिधिमंडल में जिला अध्यक्ष विजय केशरवानी के साथ ऋषि पांण्डेय, जगदीश कौशिक, विनोद साहू, पार्षद सुनील सोनकर, मोहन श्रीवास, अंकित प्रजापति, सावित्री सोनी, राम प्रसाद ध्रुव, राम प्रसाद साहू, सखन दरवे, रूप नारायण बक्श, सुजीत यादव, फरीद खान, शेर सिंह, सुरेंद्र तिवारी, बालचंद साहू, हितेश देवांगन, भगरीथी यादव, मनीष गढेवाल, महेत्तराम सिंगरौल, शेषमणि बंजारे, प्रोतिमा दास, किशोर अहिवारा, मनीष सेंगर, नीरज सोनी, छोटकू साहू, नवल किशोर सोनी, ओमप्रकाश वर्मा, रंजना नायक, उषा मानिकपुरी, अशोक तिवारी, ललित धुरी, गिरीश केंवट सहित कांग्रेस जन उपस्थित रहे।
