सेंट्रल यूनिवर्सिटी में हंगामा: मेन गेट पर वेल्डिंग का आरोप, गेट-दीवार पर चढ़े छात्र नेता,अर्सलान की मौत और छात्र की बर्खास्तगी के विरोध में एनएसयूआई का जोरदार प्रदर्शन, छह थानों से बुलाना पड़ा अतिरिक्त बल

सेंट्रल यूनिवर्सिटी में सोमवार को एनएसयूआई के नेतृत्व में बड़ा प्रदर्शन हुआ। छात्रों ने विश्वविद्यालय प्रबंधन पर छात्र विरोधी नीतियों, सुरक्षा व्यवस्था में लापरवाही और अर्सलान अंसारी की संदिग्ध मौत जैसे गंभीर मुद्दे उठाते हुए मेन गेट के सामने विरोध जताया। प्रदर्शन तेज होता देख स्थिति को नियंत्रित करने शहर के छह थानों से अतिरिक्त पुलिस बल बुलाना पड़ा।

मेन गेट की वेल्डिंग पर विवाद, छात्र बोले—हमें रोकने गेट बंद किया

एनएसयूआई पदाधिकारियों ने आरोप लगाया कि प्रदर्शन को रोकने की नीयत से मेन गेट को वेल्डिंग कर बंद कर दिया गया था, ताकि छात्र कैंपस में प्रवेश न कर सकें। छात्रों का कहना था कि यह लोकतांत्रिक विरोध को रोकने की कोशिश है।

हालाँकि, यूनिवर्सिटी प्रबंधन ने इसे गलत बताते हुए स्पष्ट किया कि—

“गेट को वेल्ड नहीं कराया गया है। पिछली बार हुए प्रदर्शन में गेट का एल-ड्रॉप टूट गया था, जिसे ठीक कराने के लिए वेल्डिंग की गई थी।”

इस मुद्दे ने माहौल को और गर्म कर दिया। नाराज छात्रों ने तख्तियां और झंडे लेकर दीवार और गेट पर चढ़कर नारेबाजी की। परिसर के बाहर भारी भीड़ जमा हो गई।

अर्सलान की मौत और सुदीप शास्त्री की बर्खास्तगी मुख्य मुद्दा

प्रदर्शन की अगुवाई प्रदेश अध्यक्ष नीरज पांडे और वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं ने की। छात्रों ने दो प्रमुख मुद्दों को लेकर आवाज उठाई—

  1. निलंबित छात्र सुदीप शास्त्री को पुनः एडमिशन देने की मांग
  2. अर्सलान अंसारी की संदिग्ध मौत की निष्पक्ष जांच

छात्र नेताओं ने आरोप लगाया कि अर्सलान की मौत में गंभीर लापरवाही हुई है और प्रबंधन इसे दबाने की कोशिश कर रहा है।

प्रदर्शन के दौरान विश्वविद्यालय के कुलसचिव और अधिकारी गेट पर पहुंचे। उन्होंने बताया कि—

सुदीप शास्त्री का मामला 22 नवंबर को स्टैंडिंग कमेटी की बैठक में विचाराधीन होगा,

अर्सलान अंसारी केस में आंतरिक जांच जारी है,

प्रारंभिक जांच में लापरवाही मिलने पर केयर टेकर सहित चार वार्डन हटाए जा चुके हैं।

“10 दिन में रिपोर्ट, कैंपस में सीसीटीवी और सुरक्षा बढ़ेगी” – प्रबंधन

यूनिवर्सिटी प्रशासन ने आश्वासन दिया कि—

अर्सलान की मौत पर 10 दिनों के भीतर जांच रिपोर्ट प्रस्तुत की जाएगी,

कैंपस में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे,

महिलाओं की सुरक्षा के लिए यूजीसी गाइडलाइन और पॉक्सो प्रावधान कड़ाई से लागू किए जाएंगे।

यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डॉ. मनीष श्रीवास्तव ने कहा कि प्रदर्शन दो मुद्दों पर केंद्रित था—निलंबित छात्र का एडमिशन और अर्सलान की मौत। सुदीप को हटाने का निर्णय स्टैंडिंग कमेटी ने किया था, इसलिए अंतिम निर्णय भी वही लेगी। अर्सलान मामले की जांच अंतिम चरण में है।

अधिकारियों और नेताओं की मौजूदगी

प्रदर्शन के दौरान मस्तूरी विधायक दिलीप लहरिया, शहर कांग्रेस अध्यक्ष विजय केशरवानी, प्रदेश उपाध्यक्ष अमित शर्मा, लकी मिश्रा, तन्मित छाबड़ा, प्रदेश महासचिव विकास ठाकुर, सोहेल, प्रदेश सचिव मयंक गौतम, कामरान अंसारी, लोकेश नायक, रंजेश सिंह सहित कई पदाधिकारी मौजूद रहे।

एनएसयूआई के इस बड़े प्रदर्शन ने सेंट्रल यूनिवर्सिटी में सुरक्षा, पारदर्शिता और छात्र अधिकारों को लेकर चल रही खामियों पर एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं। अब सभी की नजरें आगामी 22 नवंबर की स्टैंडिंग कमेटी बैठक और अर्सलान केस की रिपोर्ट पर टिकी हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!