फास्टरपुर के तत्कालीन थाना प्रभारी सुशील बंछोर द्वारा उत्कृष्ट विवेचना के चलते बलात्कारी को मिली सजा, नाना ने मूक- बधिर महिला के साथ किया था दुष्कर्म

आकाश दत्त मिश्रा

इंसानी रिश्तों को झकझोर देने वाली घटना फास्टरपुर थाना क्षेत्र में 21 फरवरी 2024 को हुई थी। जन्म से ही मूकबधिर पीड़िता उस दिन अपने घर पर अकेली थी। उसका विकलांग पति एक्टिवा का किस्त पटाने लोरमी गया हुआ था। युवती के माता-पिता भी खेत में काम करने गए हुए थे। उस दौरान बच्चे स्कूल में थे। इसी बीच उसके रिश्ते में नाना लगने वाला बाघमार, फास्टर पुर मुंगेली निवासी 62 वर्षीय मोहन जोशी घर पहुंचा। घर पर मूक बधिर महिला अकेली थी। महिला को अकेली देखकर रिश्ते में नाना मोहन जोशी की नियत खराब हो गई और उसने जबरदस्ती उसके साथ दुष्कर्म किया।

किसी तरह जन्म से ही मूक बधिर महिला ने अपने पति को इस पूरे घटना की जानकारी दी, जिसने फास्टर पुर थाने में इसकी शिकायत दर्ज कराई । यह कोई सामान्य मामला नहीं था। पीड़िता गूंगी होने के साथ बहरी भी थी, इसलिए वह अपने साथ हुई इस ज्यादती के बारे में भी कुछ भी बोलने बताने की स्थिति में नहीं थी। विषय की गंभीरता को देखते हुए तत्कालीन फास्टर पुर थाना प्रभारी सुशील बंछोर ने मूकबधिर भाषा विशेषज्ञ की मदद ली और इशारों से पूरे घटना की जानकारी इकट्ठा की। घटना स्थल से एक-एक साक्ष्य जुटाए गए। विवेचना इतना पुख्ता कर चालान पेश किया गया कि 23 फरवरी 2024 को गिरफ्तार मोहन जोशी को सुनवाई के बाद अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश मुंगेली द्वारा आजीवन कारावास और ₹2000 के अर्थ दंड की सजा सुनाई गई। अर्थ दंड न चुकाने पर उसे 6 माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।

इस पूरे मामले की पैरवी अभियोजन पक्ष की ओर से लोक अभियोजक मुंगेली रजनीकांत सिंह ठाकुर द्वारा की गई। आरोपी मोहन जोशी पहले से ही मुंगेली जेल में बंद है, जिसे आजीवन कारावास की सजा सिर्फ इसलिए मिल पायी क्योंकि तत्कालीन फास्टर पुर थाना प्रभारी उप निरीक्षक सुशील बंछोर ने शानदार विवेचना के बाद केस काफी मजबूत बनाया था। उनके इस प्रयास की उच्च अधिकारियों ने भी सराहना की है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!