

बिलासपुर।
कोनी सिटी बस डिपो से अशोकनगर को जोड़ने वाली बाइपास सड़क की फाइल एक साल बाद भी मंजूरी की राह देख रही है। पत्रकार कॉलोनी और आसपास की कॉलोनियों को जोड़ने वाले इस मार्ग के लिए सार्वजनिक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने 8.55 करोड़ रुपए का रिवाइज्ड एस्टीमेट शासन को भेजा है, लेकिन अब तक इसे वित्त विभाग से मंजूरी नहीं मिल सकी है।
यह सड़क अब केवल एक सामान्य मार्ग नहीं रही, बल्कि शहर के इस हिस्से की प्रमुख कनेक्टिविटी बन चुकी है। पहले यह मार्ग सीमित उपयोग वाला था, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में कॉलोनियों के तेजी से विकसित होने और जनसंख्या बढ़ने के बाद यह सड़क लोगों के लिए मुख्य शॉर्टकट रूट बन गई है।
सड़क की दुर्दशा : उबड़-खाबड़ रास्तों से गुजरना जोखिम भरा
वर्तमान में पत्रकार कॉलोनी जाने वाला यह मार्ग बुरी तरह जर्जर है। मुरूम सड़क होने की वजह से जगह-जगह बड़े गड्ढे बन चुके हैं। बारिश के मौसम में यहां कीचड़ और फिसलन से हालात और खराब हो जाते हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि वाहनों का आवागमन मुश्किल हो गया है, कई बार दोपहिया वाहन फिसलकर गिर चुके हैं।
8.55 करोड़ की लागत से 7 मीटर चौड़ी सड़क बनेगी
पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों ने इस सड़क को 7 मीटर चौड़ी पक्की सड़क के रूप में तैयार करने का प्रस्ताव शासन को भेजा है।
रिवाइज्ड प्रस्ताव के अनुसार, कुल लंबाई 3.71 किलोमीटर की यह सड़क 8.55 करोड़ रुपए की लागत से बनाई जाएगी।
इससे पहले विभाग ने 4.04 करोड़ रुपए का प्रारंभिक एस्टीमेट शासन को भेजा था, लेकिन तकनीकी व वित्तीय संशोधनों के बाद इसे रिवाइज्ड किया गया है।
दो बार लौटी फाइल, हर बार संशोधन की मांग
इस परियोजना में देरी की सबसे बड़ी वजह पीडब्ल्यूडी की प्रशासनिक प्रक्रिया और बार-बार फाइल लौटाया जाना है।
सूत्रों के अनुसार, वित्त विभाग ने अब तक दो बार फाइल संशोधन के लिए लौटाई है।
इसके अलावा मार्ग की स्थिति और उपयोगिता दिखाने के लिए दो बार वीडियोग्राफी भी कराई गई है, जिसके बाद पुनः रिवाइज्ड प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजा गया।
मानसून से पहले टेंडर प्रक्रिया पूरी करने की कोशिश
विभागीय सूत्र बताते हैं कि अब पीडब्ल्यूडी अधिकारी मानसून से पहले इस परियोजना को मंजूरी दिलाकर टेंडर प्रक्रिया पूरी करने की तैयारी में हैं। लेकिन मंजूरी में देरी के चलते काम शुरू होने की संभावना अभी भी अनिश्चित बनी हुई है।
स्थानीय निवासियों की नाराजगी
पत्रकार कॉलोनी और आसपास के रहवासी विभागीय सुस्ती से नाराज हैं। उनका कहना है कि पिछले एक वर्ष से सड़क निर्माण की बातें सुन रहे हैं, लेकिन अब तक केवल सर्वे और फाइलों का आदान-प्रदान ही हुआ है।
लोगों ने शासन से जल्द मंजूरी दिलाकर काम शुरू करने की मांग की है ताकि अगली बरसात से पहले उन्हें राहत मिल सके।
