

बिलासपुर, 31 अक्टूबर 2025। स्तन कैंसर जागरूकता माह के अवसर पर अपोलो कैंसर सेंटर (ACCs) ने एक रचनात्मक और स्वास्थ्य-जागरूक पहल की शुरुआत की है — ‘चेक-ओलेट’, एक ऐसा उपहार जो केवल चॉकलेट नहीं, बल्कि महिलाओं को स्वयं के स्वास्थ्य का ध्यान रखने की मीठी याद दिलाता है।

इस अभिनव अभियान का उद्देश्य महिलाओं में स्तन आत्म-परीक्षण (Self Breast Examination) को सामान्य बनाना और उन्हें अपने स्वास्थ्य के प्रति सशक्त और सतर्क बनाना है।
🍫 ‘चेक-ओलेट’: स्वाद और स्वास्थ्य का संगम
‘चेक-ओलेट’ एक डार्क चॉकलेट बार है, जिसमें एक QR कोड दिया गया है। इसे स्कैन करने पर महिलाओं को स्तन आत्म-परीक्षण की स्टेप-बाय-स्टेप एनिमेटेड गाइड देखने को मिलती है। इस पहल के माध्यम से अपोलो कैंसर सेंटर महिलाओं को यह संदेश देना चाहता है कि —
“खुद के लिए थोड़ा समय निकालिए, क्योंकि आपका स्वास्थ्य ही आपकी असली शक्ति है।”

📊 कैंसर पर चिंताजनक आंकड़े
GLOBOCAN के अनुसार, भारत में महिलाओं में स्तन कैंसर कैंसर की घटनाओं और मृत्यु दर का प्रमुख कारण है। यह सभी नए कैंसर मामलों का 13.5% और कुल कैंसर मौतों का 10.6% है। वहीं, 30-69 वर्ष की आयु वर्ग की केवल 1.6% महिलाएं ही अब तक जांच करवा पाई हैं। इस चिंताजनक स्थिति को देखते हुए अपोलो की यह पहल समय की मांग बन गई है।

🩺 अपोलो का संदेश: “स्वस्थ महिला, समृद्ध राष्ट्र”
अपोलो हॉस्पिटल्स की कार्यकारी उपाध्यक्ष डॉ. प्रीथा रेड्डी ने अपने संदेश में कहा —
“जब महिलाएं स्वस्थ होती हैं, तो राष्ट्र समृद्ध होते हैं। ‘चेक-ओलेट’ पहल हमें याद दिलाती है कि स्वयं की देखभाल कोई विलासिता नहीं, बल्कि एक शक्ति है। अपोलो का लक्ष्य है महिलाओं में समय पर जांच और सक्रिय देखभाल की संस्कृति को बढ़ावा देना।”
💬 महापौर पूजा विधानी का मत
बिलासपुर की महापौर श्रीमती पूजा विधानी ने कहा —
“हर कोई चॉकलेट पसंद करता है, और ‘चेक-ओलेट’ इस पसंद को एक उपयोगी जागरूकता के माध्यम में बदल देता है। यह पहल महिलाओं को स्वयं की नियमित स्वास्थ्य जांच के लिए प्रेरित करती है, जो वास्तव में एक विचारशील और प्रभावी कदम है।”

📣 प्रदेश की सबसे बड़ी कैंसर जागरूकता मुहिम
अपोलो हॉस्पिटल बिलासपुर के यूनिट हेड अभय गुप्ता ने बताया कि “स्वस्थ तन प्रशिक्षण अभियान” प्रदेश की सबसे बड़ी कैंसर जागरूकता पहल बन चुकी है। इसके अंतर्गत कोरबा, रायगढ़, अंबिकापुर, बिलासपुर, अनूपपुर और शहडोल में विशाल जागरूकता रैलियाँ और सेमिनार आयोजित किए गए हैं।
अब तक 15,000 से अधिक महिलाओं को प्रत्यक्ष रूप से स्व-स्तन परीक्षण का प्रशिक्षण दिया जा चुका है। इस अभियान में विभिन्न जिलों के कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक और वरिष्ठ अधिकारी भी सक्रिय रूप से जुड़ चुके हैं।
👨⚕️ डॉक्टरों का संदेश
डॉ. अमित वर्मा, सीनियर कंसल्टेंट (सर्जिकल ऑन्कोलॉजी), ने कहा —
“स्तन कैंसर में समय पर जांच और जागरूकता जीवन बचाने का सबसे बड़ा साधन है। ‘चेक-ओलेट’ न केवल मीठा उपहार है, बल्कि यह हर महिला को याद दिलाता है कि महीने में कुछ मिनट खुद के लिए देना, एक लंबा और स्वस्थ जीवन सुनिश्चित कर सकता है।”
कार्यक्रम में डॉ. सुशील परीदा (मेडिकल ऑन्कोलॉजिस्ट), डॉ. सार्थक (रेडिएशन ऑन्कोलॉजिस्ट) और डॉ. अमोल पटगांवकर (सर्जिकल ऑन्कोलॉजिस्ट) भी उपस्थित रहे।
🌸 ‘चेक-ओलेट’ — एक अभियान, एक आंदोलन
अपोलो कैंसर सेंटर का यह अभियान सिर्फ ब्रेस्ट कैंसर जागरूकता तक सीमित नहीं है, बल्कि यह महिलाओं को अपने स्वास्थ्य के प्रति सचेत, स्वतंत्र और जागरूक बनाने की दिशा में एक आंदोलन है।
