

बिलासपुर।
मैग्नेटो मॉल में शनिवार, 04 अक्टूबर 2025 को उस समय हंगामे की स्थिति निर्मित हो गई जब मॉल में तैनात सुरक्षा गार्ड ने पुलिस विभाग की गाड़ी के चालक एवं गनमैन से अभद्र व्यवहार किया। जानकारी के अनुसार, घटना के समय पुलिस विभाग का वाहन मॉल के पार्किंग क्षेत्र में खड़ा किया जा रहा था। इसी दौरान बी.आई.एस. सिक्योरिटी सर्विसेज में कार्यरत सुरक्षा गार्ड जीवन कुमार डहरिया, निवासी ग्राम झाल, डाकघर मस्तूरी, थाना बिल्हा, जिला बिलासपुर, ने न केवल शासकीय वाहन चालक एवं गनमैन के साथ बदसलूकी की, बल्कि अन्य आम नागरिकों से भी दुर्व्यवहार करते हुए वाद-विवाद किया।
जब मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने स्थिति को शांत कराने की कोशिश की, तो गार्ड ने और अधिक हुज्जतबाजी शुरू कर दी। घटना की सूचना तत्काल थाना सिविल लाइन को दी गई, जिसके बाद पुलिसकर्मियों ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रित किया और बी.आई.एस. सिक्योरिटी सर्विसेज के हेड मैनेजर से संपर्क कर पूरी जानकारी साझा की।
प्रारंभिक जांच में यह गंभीर तथ्य सामने आया कि उक्त गार्ड बिना चरित्र सत्यापन के सिक्योरिटी एजेंसी द्वारा नियुक्त किया गया था। पुलिस जांच के दौरान गार्ड के आपराधिक इतिहास का भी खुलासा हुआ, जिसमें उसके विरुद्ध पूर्व में तीन आपराधिक प्रकरण दर्ज पाए गए —
- दिनांक 20 जनवरी 2016 को थाना बिल्हा में जुआ खेलने एवं खिलवाने का मामला दर्ज।
- दिनांक 20 फरवरी 2024 को मारपीट के प्रकरण में धारा 307 भारतीय दंड संहिता (हत्या का प्रयास) जोड़ी गई थी।
- दिनांक 27 मार्च 2024 को बल्वा एवं सार्वजनिक मार्ग अवरुद्ध करने का अपराध दर्ज हुआ था।
जांच के दौरान यह भी पाया गया कि घटना के बाद जीवन कुमार डहरिया ने सोशल मीडिया पर एक भ्रामक वीडियो प्रसारित किया, जिसमें उसने थाना सिविल लाइन के पुलिसकर्मियों पर निराधार आरोप लगाए। पुलिस के अनुसार, यह वीडियो उसका ध्यान भटकाने और अपने आपराधिक इतिहास को छिपाने का प्रयास था।
सभी तथ्यों के परीक्षण के उपरांत थाना सिविल लाइन, बिलासपुर पुलिस ने आरोपी गार्ड के विरुद्ध प्रतिबंधात्मक कानूनी कार्रवाई की है। वहीं, पुलिस ने यह भी स्पष्ट किया है कि सार्वजनिक स्थानों जैसे शॉपिंग मॉल में बिना चरित्र सत्यापन किए हथियारबंद गार्डों की तैनाती गंभीर सुरक्षा चूक है। इस लापरवाही के लिए बी.आई.एस. सिक्योरिटी सर्विसेज को पृथक नोटिस जारी कर कार्यवाही की जा रही है।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि सुरक्षा एजेंसियों को नियुक्ति से पूर्व प्रत्येक कर्मचारी का चरित्र सत्यापन कराना अनिवार्य है, ताकि मॉल, बैंक, या अन्य सार्वजनिक स्थलों पर नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। उन्होंने चेतावनी दी है कि भविष्य में इस प्रकार की लापरवाही पर संबंधित एजेंसियों के विरुद्ध कड़ी प्रशासनिक कार्रवाई की जाएगी।
