

रेलवे के एक कांट्रैक्टर ने वर्क ऑर्डर दिखाकर शहर के एक व्यापारी से 12 साल में किस्तों में 41 लाख 50 हजार रुपए उधार लिए, लेकिन रकम लौटाने की बारी आने पर टालमटोल शुरू कर दी। मामले में ठगा महसूस करने पर व्यापारी ने तोरवा थाने में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद पुलिस ने कांट्रैक्टर के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
पुलिस के अनुसार, कश्यप कॉलोनी निवासी व्यवसायी रितेश पाठक की जान-पहचान तोरवा पंप हाउस निवासी रेलवे कांट्रैक्टर दिनेश मुदलियार से करीब 12 साल से थी। दोनों परिवारों में आपसी संबंध थे और एक-दूसरे के घर आना-जाना था।
आर्थिक तंगी के समय दिनेश या उसकी मां द्वारा पैसे की मांग किए जाने पर रितेश मदद कर देते थे। 10 मई 2015 को दिनेश ने रेलवे में काम का हवाला देते हुए रितेश से पहली बार 5 लाख रुपए उधार लिए। कुछ महीने बाद उसने 2 लाख 25 हजार रुपए लौटाए, बाकी रकम बाद में देने का भरोसा दिया।
इसके बाद अगस्त में 75 हजार, अक्टूबर में 2 लाख और अन्य अवसरों पर कई बार रकम ली गई। इस तरह 12 वर्षों में कुल 41 लाख 50 हजार रुपए उधार लिए गए। इनमें से दिनेश ने करीब 23 लाख 50 हजार रुपए लौटाए, जबकि शेष 18 लाख रुपए बाद में काम पूरा होने पर लौटाने का वादा किया।
इसके बाद फरवरी 2021-22 में दिनेश ने एक बार फिर रेलवे का वर्क ऑर्डर दिखाकर व्यापारी से 23 लाख 50 हजार रुपए और उधार लिए। इस बार उसने रकम के एवज में चेक और स्वयं द्वारा लिखा अभिस्वीकृति पत्र भी दिया।
अब जब व्यापारी ने अपने पैसे की मांग की, तो कांट्रैक्टर ने टालमटोल शुरू कर दी। फोन करने या घर जाने पर भी वह पैसे लौटाने से बचता रहा। ठगा महसूस करते हुए रितेश ने इसकी रिपोर्ट तोरवा थाना में दर्ज कराई। पुलिस ने दिनेश मुदलियार के खिलाफ धोखाधड़ी (चीटिंग) का मामला दर्ज कर आगे की जांच शुरू कर दी है।
