
यूनुस मेमन

रतनपुर/बिलासपुर, 18 अक्टूबर 2025 (सिटी रिपोर्टर) — ग्राम भरारी (पो. सिंघरी), थाना रतनपुर के ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि वहां संचालित सरकारी राशन दुकान के माध्यम से खाद्यान्न की सही तरह से वितरण नहीं किया जा रहा तथा कुछ राशन खुले बाजार में बेचा जा रहा है। ग्रामीणों ने इस संबंध में थाना रतनपुर व प्रशासन को शिकायत पेश की है और कार्रवाई की मांग की है।

शिकायत में कहा गया है कि पी.डभएस.छ.ग.शासन के निर्देशानुसार चलने वाली सहकारी समिति भरारी (प.कं. 569) के संचालक धनंजय कुमार सूर्यवंशी के माध्यम से पहले उचित मूल्य पर राशन वितरण होता था। लेकिन बीते 3-4 माह से राशन कार्ड धारकों को नियमित तथा पूरा राशन नहीं मिल रहा है। जब ग्रामीणों ने समस्या का कारण जानने के लिये संचालक एवं ग्रामस्तर पर बात की तो उन्हें बताया गया कि दुकान का वास्तविक संचालन सरपंच के द्वारा किया जा रहा है।
ग्रामीणों ने बताया कि 17 अक्टूबर 2025 को वे अपनी समस्या लेकर माननीय कलेक्टर बिलासपुर के पास पहुंचे, जहां उन्हें संतोषप्रद उत्तर मिला। इसके बावजूद 18 अक्टूबर 2025 को भरारी पंचायत के आश्रित गांव सेमरी में चावल का वितरण किया गया, जबकि ग्राम भरारी को अधुरा चावल दिया गया। वहीं, शिकायतकर्ताओं का आरोप है कि सरपंच के पति विनय शुक्ला ने उन्हें कहा कि कलेक्टर के पास क्यों गए — इसी कारण तुम लोगों को ‘मेरे हिसाब से’ राशन मिलेगा — और कहा कि “तुम लोग ज्यादा नेतागिरी मत करो, वरना तुम लोगों को मैं उठवा दूंगा”। ग्रामीणों ने बताया कि विनय शुक्ला ने उन्हें धमकी दी और मारने या उठवाने की बात भी कही।
शिकायत पत्र में प्रभावित ग्रामवासियों — जागेश्वर गढ़वाल, रोहित कुमार, हरप्रसाद, मनोजकुमार, रामकृष्ण निर्मलकर, रामकण — ने समस्त ग्रामवासी भरारी की ओर से उचित जांच कर आवश्यक वैधानिक कार्रवाई करने की मांग की है। शिकायत पत्र दिनांक 18/10/2025 को थाना प्रभारी रतनपुर के नाम भेजा गया है।

ग्रामीणों ने आरोपों की पुष्टि करते हुए कहा कि राशन वितरण में गड़बड़ी और अलग-थलग भेदभाव बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए। उन्होंने प्रशासन और खाद्य आपूर्ति विभाग से मामले की निष्पक्ष जांच कराकर राशन वितरण व्यवस्था दुरुस्त करने का आग्रह किया है।
इस संबंध में जब स्थानिय सरपंच कार्यालय, राशन दुकान संचालक या थाना रतनपुर के अधिकारियों से प्रतिक्रिया मांगी गयी तो उन्होंने अभी कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया।
(सूचना/शिकायतकर्ता द्वारा उपलब्ध कराई गई शिकायत के आधार पर रिपोर्ट।)
