

सिम्स अस्पताल में डॉक्टरों और स्टाफ से दुर्व्यवहार की हालिया घटनाओं के बाद प्रबंधन ने सुरक्षा व्यवस्था को और सख्त कर दिया है। मरीजों और अस्पताल कर्मियों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए प्रबंधन ने कई अहम कदम उठाए हैं।
सिम्स प्रशासन के अनुसार, परिसर में निगरानी व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए जल्द ही 100 नए सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। वर्तमान में अस्पताल में लगभग 80 कैमरे कार्यरत हैं, जिनमें से करीब 20 कैमरे खराब पाए गए हैं। इन कैमरों की मरम्मत का कार्य भी तेजी से किया जा रहा है। प्रबंधन का कहना है कि नए कैमरे लगने के बाद अस्पताल के हर हिस्से की निगरानी संभव हो सकेगी, जिससे किसी भी अप्रिय घटना पर तुरंत कार्रवाई की जा सकेगी।
सुरक्षा बढ़ाने के साथ ही प्रवेश द्वार पर जांच प्रक्रिया भी शुरू की गई है। खासतौर पर रात के समय आने वाले मरीजों के परिजनों का अल्कोहल एनालाइजर टेस्ट किया जा रहा है। यदि किसी व्यक्ति में शराब की मात्रा पाई जाती है, तो उसे अस्पताल परिसर में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जा रही है।
साथ ही, अस्पताल में गुटखा, सिगरेट जैसे तंबाकू उत्पादों पर भी सख्त प्रतिबंध लगाया गया है। सुरक्षाकर्मी प्रवेश द्वार पर ही ऐसे उत्पाद जब्त कर रहे हैं और तंबाकू सेवन करने वालों को अंदर जाने से रोक रहे हैं।
सिम्स के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ. लखन सिंह ने बताया कि “सुरक्षा के लिहाज से सिम्स परिसर में जल्द ही 100 सीसी कैमरे लगाए जाएंगे। मरीजों के साथ आने वाले परिजनों का एनालाइजर टेस्ट किया जा रहा है। जिनमें अल्कोहल की मात्रा पाई जा रही है, उन्हें गेट पर ही रोक दिया जा रहा है।”
प्रबंधन का कहना है कि अस्पताल एक संवेदनशील स्थान है, जहां अनुशासन और शांति बनाए रखना जरूरी है। नशे की हालत में आने वाले या तंबाकू सेवन करने वाले लोगों के कारण अस्पताल का माहौल बिगड़ता है, इसलिए सख्ती आवश्यक है।
इन नई व्यवस्थाओं के साथ सिम्स अब न सिर्फ बेहतर इलाज पर ध्यान दे रहा है, बल्कि मरीजों, डॉक्टरों और स्टाफ की सुरक्षा को भी उतनी ही प्राथमिकता दे रहा है। हाल के दिनों में हुई दुर्व्यवहार की घटनाओं के बाद यह कदम अस्पताल में शांति और सुरक्षित कार्य वातावरण सुनिश्चित करने के उद्देश्य से उठाया गया है।
