

छत्तीसगढ़ बिजली कर्मचारी संघ महासंघ के लगातार आंदोलन और दृढ़ संकल्प का परिणाम अब सामने आने लगा है। महासंघ की पुरानी पेंशन बहाली, संविदा कर्मियों के नियमितीकरण और अन्य जायज़ मांगों को लेकर चल रहे क्रमिक धरना व आंदोलन की गूंज अब शासन-प्रबंधन तक पहुँच चुकी है। इसी क्रम में छत्तीसगढ़ राज्य पॉवर कंपनी के अध्यक्ष द्वारा महासंघ को औपचारिक बैठक के लिए आमंत्रित किया गया है, जो इस आंदोलन के लिए एक बड़ी उपलब्धि के रूप में देखा जा रहा है।
यह आमंत्रण न केवल महासंघ की एकजुटता और अनुशासित आंदोलन की ताकत को दर्शाता है, बल्कि यह भी साबित करता है कि जब कर्मचारी अपने अधिकारों के लिए शांतिपूर्वक, संगठित और निरंतर संघर्ष करते हैं, तो अंततः उनकी आवाज़ शासन तक अवश्य पहुँचती है। महासंघ के सभी जिला एवं क्षेत्रीय पदाधिकारी इस बैठक को अत्यंत महत्वपूर्ण मान रहे हैं और उम्मीद कर रहे हैं कि इस संवाद के माध्यम से लंबित मांगों का सकारात्मक समाधान निकलेगा।
महासंघ ने इस अवसर पर सभी कर्मचारियों से संयम, एकता और अनुशासन बनाए रखने की अपील की है। साथ ही यह भी स्पष्ट किया है कि जब तक मांगे पूर्ण रूप से स्वीकृत नहीं होतीं, आंदोलन जारी रहेगा। यह बैठक केवल बातचीत की शुरुआत है, मंज़िल अभी बाकी है।
छत्तीसगढ़ बिजली कर्मचारी संघ महासंघ के इस संगठित प्रयास ने यह संदेश दिया है कि जब कर्मचारी हित के लिए सभी एक स्वर में खड़े होते हैं, तो कोई भी संघर्ष असंभव नहीं रहता। यह बैठक निश्चित रूप से आंदोलन को सफलता की ओर ले जाने वाला एक ऐतिहासिक कदम साबित होगी।
