

बिलासपुर।
छत्तीसगढ़ की लोकसंस्कृति और परंपरा का प्रतीक रावत नाच महोत्सव इस वर्ष 15 नवंबर को आयोजित होगा। स्वामी आत्मानंद लाल बहादुर शास्त्री शाला प्रांगण में होने वाले इस भव्य आयोजन की तैयारियां अंतिम चरण में हैं। रावत नाच महोत्सव समिति ने आयोजन को लेकर बैठक कर सभी व्यवस्थाओं की समीक्षा की।
यह महोत्सव लगातार 48वें वर्ष मनाया जा रहा है। रावत नाच महोत्सव न केवल छत्तीसगढ़, बल्कि पूरे देश में अपनी विशिष्ट पहचान रखता है। इस दिन प्रदेश के विभिन्न अंचलों से हजारों की संख्या में यदुवंशी कलाकार पारंपरिक वेशभूषा में अपनी लोकनृत्य, शस्त्र संचालन और सांस्कृतिक परंपराओं का प्रदर्शन करेंगे।
समिति के अनुसार, इस वर्ष उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले दलों को 15 रनिंग शील्ड और लगभग दो लाख रुपए की नगद राशि प्रदान की जाएगी। निर्णायक मंडल में यादव समाज के पांच अनुभवी निर्णायक शामिल रहेंगे, जो प्रतिभागियों का मूल्यांकन 50 अंकों के आधार पर करेंगे।
मूल्यांकन मानदंड इस प्रकार होंगे:
- पारंपरिक गत एवं वेशभूषा – 10 अंक
- सुंदर नृत्य एवं वादन – 10 अंक
- लाठी-फरी या झांकी प्रस्तुति – 10 अंक
- रावत बाना में संगठित प्रतिभागियों की संख्या – 10 अंक
- अन्य कलात्मक प्रदर्शन – 10 अंक
उत्कृष्ट व्यक्तिगत प्रदर्शन पर भी विशेष पुरस्कार दिए जाएंगे। अंतिम दल के प्रदर्शन के लगभग आधे घंटे बाद ही पुरस्कार वितरण समारोह शुरू किया जाएगा।
समिति ने सभी प्रतिभागियों से अनुरोध किया है कि वे अपने दल के नाम की तख्ती या बैनर साथ लेकर आएं और आयोजन के दौरान अनुशासन व पारंपरिक गरिमा बनाए रखें।
यह आयोजन न केवल लोकनृत्य की परंपरा को जीवित रखता है, बल्कि समाज में एकता, अनुशासन और सांस्कृतिक गौरव का संदेश भी देता है।
