

बिलासपुर। सेंट्रल यूनिवर्सिटी की एक छात्रा से हॉस्टल संचालकों द्वारा मारपीट करने और जातिसूचक गालियां देने का मामला सामने आया है। आरोप है कि सिक्युरिटी मनी की मांग करने पर हॉस्टल संचालकों ने छात्रा और उसकी साथी को पीटा तथा स्कूटी चढ़ाने की कोशिश की। घटना कोनी थाना क्षेत्र की बताई जा रही है। पुलिस ने शिकायत पर आरोपियों के खिलाफ एससी-एसटी अत्याचार अधिनियम सहित कई धाराओं में अपराध दर्ज किया है।
जानकारी के अनुसार, उत्तर प्रदेश के गाजीपुर निवासी सोनम कनौजिया पिता जयप्रकाश सेंट्रल यूनिवर्सिटी में विधि विभाग की छात्रा है। वह कोनी क्षेत्र के पोस्टल हॉस्टल के पीछे स्थित उमनिया गर्ल्स हॉस्टल में रहती थी। छात्रा ने बताया कि हॉस्टल में महिला की जगह एक लड़के को वार्डन बनाया गया था। इस पर आपत्ति जताते हुए उसने हॉस्टल छोड़ने का निर्णय लिया।
छात्रा ने संचालक गौरव तिवारी और आयुष तिवारी से सिक्युरिटी मनी वापस करने की बात कही। संचालकों ने 15 दिन में राशि लौटाने का आश्वासन दिया। लेकिन तय समय बीत जाने के बाद जब छात्रा ने अपने पैसे की मांग की, तो दोनों ने अभद्रता करते हुए जातिसूचक गालियां दीं।
बाद में आयुष तिवारी ने छात्रा को रात 12 बजे मिलने के लिए बुलाया। छात्रा ने अगले दिन संपर्क करने की कोशिश की तो उसका नंबर ब्लॉक मिला। सुबह उसे संचालक के घर बुलाया गया, जहां वह अपनी साथी खुशी शर्मा, रैजाई शाहिल और हिमेश देवांगन के साथ पहुंची। इस दौरान दोनों संचालकों ने उन्हें धमकाते हुए कहा कि “जो करना है कर लो, पैसा नहीं मिलेगा,” और वहां मौजूद सभी के साथ गाली-गलौज कर मारपीट शुरू कर दी।
आरोप है कि झगड़े के दौरान संचालकों ने छात्रा पर स्कूटी चढ़ाने की कोशिश की। उसकी साथी रैजाई जब बीच-बचाव करने पहुंची तो उसे भी बुरी तरह पीटा गया।
छात्रा के अनुसार, 3 अक्टूबर की रात करीब 9 बजे आयुष तिवारी ने फोन पर धमकी दी और कहा कि वह यूपी का है, उसका कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता। इसके बाद पीड़िता ने अजाक थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई।
पुलिस ने आरोपियों गौरव तिवारी और आयुष तिवारी के खिलाफ एससी-एसटी एक्ट की धारा 3(1)(द), 3(1)(घ), 3(5) तथा बीएनएस की धारा 115(2), 296, 351(2) के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
