
मल्हार/मस्तूरी।
क्षेत्रीय जनता की लगातार मांग और स्वास्थ्य सेवाओं की कमी को देखते हुए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) डॉ. शुभा गरेवाल द्वारा हाल ही में एक आदेश जारी किया गया था, जिसके तहत जयरामनगर मस्तूरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ ग्रामीण चिकित्सा सहायक (RMA) जितेश शर्मा की ड्यूटी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मल्हार में लगाई गई थी। इस संबंध में 22 सितंबर 2025 को आदेश जारी किया गया था, और उसी दिन खंड चिकित्सा अधिकारी (BMO) डॉ. अनिल कुमार द्वारा उन्हें कार्यमुक्त भी कर दिया गया था ताकि वे तत्काल मल्हार स्वास्थ्य केंद्र में सेवाएं दे सकें।

लेकिन आदेश जारी होने के बावजूद, स्थानीय ग्रामीणों का आरोप है कि आरएमए जितेश शर्मा एक दिन के लिए भी मल्हार स्वास्थ्य केंद्र में उपस्थित नहीं रहे। ग्रामीणों के अनुसार, चिकित्सक के अनुपस्थित रहने से केंद्र में आने वाले मरीजों को इलाज की सुविधा नहीं मिल पा रही है। क्षेत्र में चिकित्सकों की पहले से ही भारी कमी है, ऐसे में यह स्थिति स्थानीय नागरिकों के लिए और अधिक परेशानी का कारण बन गई है।
इस मामले पर S भारत न्यूज़ ने आरएमए जितेश शर्मा से उनका पक्ष जानने की कोशिश की। उन्होंने बताया कि उनका “ट्रांसफर नहीं हुआ था,” बल्कि “केवल 15 दिनों के लिए उनकी ड्यूटी मल्हार प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में लगाई गई थी।” उन्होंने यह भी दावा किया कि “इस अवधि के दौरान वे यथासंभव मल्हार में उपस्थित रहे और मरीजों को सेवा देने का प्रयास किया।”

हालांकि, ग्रामीणों का कहना है कि अधिकारी द्वारा जारी आदेश में उनकी ड्यूटी “आगामी आदेश तक” के लिए लगाई गई थी, न कि केवल 15 दिनों के लिए। ग्रामीणों का यह भी कहना है कि अब तक मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय से कोई नया आदेश जारी नहीं किया गया है, इसलिए मल्हार में उनकी ड्यूटी प्रभावशील बनी हुई है।
स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने भी ग्रामीणों के आरोपों का समर्थन किया है और कहा कि स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सक की अनुपस्थिति से ग्रामीण मरीजों को भारी असुविधा हो रही है। उन्होंने जिला प्रशासन से इस पूरे मामले की जांच कर आवश्यक कार्रवाई की मांग की है।
फिलहाल यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि आरएमए जितेश शर्मा की ड्यूटी अवधि वास्तव में केवल 15 दिन की थी या “आगामी आदेश तक” के लिए। मामला जांच का विषय बन गया है। लेकिन इस बीच मल्हार प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सकों की कमी से मरीजों की परेशानी लगातार बढ़ती जा रही है।
— रिपोर्ट : आकाश दत्त मिश्रा
S भारत न्यूज़, मस्तूरी


