

शक्ति की आराधना के महापर्व नवरात्रि का समापन देवी के विसर्जन के साथ शुरू हो गया है। छत्तीसगढ़ की समृद्ध लोक परंपराओं के अनुरूप प्रतिपदा तिथि से मां दुर्गा की स्थापना के साथ ही ज्योति जवारा बोने की परंपरा निभाई गई थी।

नवमी तिथि को विधि-विधानपूर्वक हवन सम्पन्न होने के पश्चात महिलाओं ने परंपरागत शोभायात्रा निकाली। इस दौरान महिलाएं सिर पर ज्योति जवारा का कलश धारण कर भजन-कीर्तन और मंगल ध्वनियों के बीच घाट की ओर बढ़ीं। श्रद्धा और आस्था से ओतप्रोत इस यात्रा के अंतर्गत घाट पर पहुंचकर ज्योति जवारा का विसर्जन किया गया।

यह परंपरा छत्तीसगढ़ की प्राचीन संस्कृति और शक्ति उपासना की अनूठी पहचान मानी जाती है। विसर्जन के साथ ही भक्तों ने मां दुर्गा से परिवार, समाज और प्रदेश की समृद्धि, शांति और कल्याण की कामना की।
