नवरात्रि में भक्ति का महासंगम: मां महामाया सहित मंदिरों में जलीं 40 हजार ज्योतियां, 18 घंटे तक होंगे दर्शन

शशि मिश्रा


बिलासपुर। शारदीय नवरात्रि की शुरुआत सोमवार को पूरे विधि-विधान और धूमधाम के साथ हुई। इस बार मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर पधारी हैं, जिसे समृद्धि और खुशहाली का प्रतीक माना जाता है। पहले ही दिन से मंदिरों और पंडालों में भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा। शहर और आसपास के प्रमुख देवी मंदिरों में कुल 40 हजार से अधिक मनोकामना ज्योति कलश प्रज्ज्वलित किए गए।


मां महामाया में 30 हजार दीप प्रज्ज्वलित


रतनपुर स्थित मां महामाया मंदिर में भक्तों ने आस्था का सागर उमाड़ दिया। यहां 30 हजार से अधिक मनोकामना ज्योतियां जलाई गईं। भक्त सुबह 6 बजे से रात 12 बजे तक माता के दर्शन कर सकेंगे। नवरात्रि के पहले दिन सुबह 4 बजे माता का अभिषेक, श्रृंगार और विशेष पूजा-अर्चना की गई।


तिफरा काली मंदिर में 4800 दीपक जले


तिफरा स्थित काली मंदिर में भक्तों ने पूरे विधि-विधान से पूजा की। यहां 4800 तेल और 273 घी के ज्योति कलश प्रज्ज्वलित किए गए। मंदिर में सुबह से शाम तक भक्तों की लंबी कतारें लगी रहीं। आगामी नौ दिनों तक मंदिर परिसर में दुर्गा सप्तशती पाठ और जसगीत का आयोजन होगा।


पीतांबरा पीठ में विशेष पूजन


सरकंडा स्थित पीतांबरा पीठ में 118 घी की ज्योतियां जलाई गईं। यहां पीठाधीश्वर आचार्य दिनेश जी महाराज के नेतृत्व में शैलपुत्री देवी का विशेष श्रृंगार और ब्रह्मशक्ति बगलामुखी देवी का पूजन हुआ।


गायत्री मंदिर में 24 हजार मंत्र जाप


विनोबा नगर स्थित गायत्री मंदिर में नवरात्रि के अवसर पर 24 हजार मंत्रों का जाप किया जाएगा। साथ ही नौ दिनों तक विविध धार्मिक अनुष्ठान और सामूहिक पूजा-अर्चना जारी रहेगी।


भक्ति और उल्लास का माहौल


जरहाभाठा दुर्गा मंदिर, हरदेव लाल मंदिर और मां सतबहिनिया मंदिर बंधवापारा सहित कई देवी स्थलों में भक्तों ने पूजा-अर्चना कर दीप प्रज्ज्वलित किए। शहरभर में समितियों ने मां का स्वागत ढोल-नगाड़ों, धूमाल, फायर शो, आतिशबाजी और गंगा आरती के साथ किया। पंडालों को रंगीन लाइटों से सजाया गया है।


नवरात्रि के पहले ही दिन से शहर शक्ति भक्ति में डूब गया है। जगह-जगह भजन-कीर्तन और जगराते हो रहे हैं। श्रद्धा और आस्था का यह माहौल अगले नौ दिनों तक भक्तों को माता के चरणों में बांधे रखेगा।

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