

अंधविश्वास और अज्ञानता जो ना कराये वह कम है। यूटीआई यानी यूरिन इन्फेक्शन से पीड़ित एक युवक को झोलाछाप डॉक्टर ने लिंग पर लोहे का छल्ला पहनने को कहा जिससे समस्या और बढ़ गई और नौबत लिंग काटने की आ पड़ी।

अबूझमाड़ के ओरछा के जाटलूर इलाके के रहने वाले युवक को यूरिन इन्फेक्शन की वजह से बुखार और पेशाब में जलन की समस्या थी , साथ ही उसे सर दर्द भी हो रहा था, जिसके चलते उसने गांव के ही एक झोलाछाप डॉक्टर के पास जाकर इलाज कराया, लेकिन उससे खास फायदा नहीं हुआ। इसके बाद झोलाछा डॉक्टर ने उसे गुप्तांग पर एक लोहे की अंगूठी पहनने की सलाह दी। पीडत युवक बाजार से एक लोहे का छल्ला खरीद कर लाया और उसे अपने गुप्तांग में पहन लिया लेकिन एक हफ्ते में ही इस वजह से उसके गुप्तांग में सूजन आ गई और उसमें अंगूठी फस गई।
ज्यादा दिनों तक अंगूठी फैंसी रहने की वजह से लिंग में संक्रमण भी फैल गया। इसके बाद एक बार युवक फिर से झोलाछाप डॉक्टर के पास पहुंचा तो उसने हालत देखकर इलाज करने से मना कर दिया
घबराया युवक पहले तो ओरछा के ही सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचा लेकिन उनके पास इलाज के लिए पर्याप्त संसाधन नहीं होने पर वह किसी तरह जिला अस्पताल पहुंचा, जहां मेडिकल ऑफिसर डॉक्टर हिमांशु सिंह ने जांच के बाद पाया कि युवक की स्थिति काफी खराब थी। अगर कुछ और देर हो जाती तो फिर युवक का लिंग काटना पड़ता। किसी तरह चिकित्सकों ने लोहे की अंगूठी को प्राइवेट पार्ट से बाहर निकाला, जिसमें सूजन और इंफेक्शन फैल गया था। फिर चिकित्सकों की टीम ने इलाज कर युवक की जान बचाई। चिकित्सक ने कहा कि अक्सर गांव में झोला छाप डॉक्टर इसी तरह की उटपटांग सलाह देते हैं जिससे मरीज ठीक होने की बजाय उसकी जान संकट में आ जाती है।
