रात 12:00 बजे ढाबा पहुंचकर कथित अधिकारियों द्वारा महिला से की गई 1.2 लाख रुपए की अवैध वसूली, महिला ने लगाया ठगी का आरोप

यूनुस मेमन

रतनपुर थाना क्षेत्र के रानी गांव में ठगी का एक चौंकाने वाला मामला आया है यहां रहने वाली चंद्रलेखा बारगाह अपने पति संतोष बारगाह के साथ विगत 9 वर्षों से अभय ढाबा और रेस्टोरेंट का संचालन कर रही है। 28 अगस्त की रात पति ढाबा पर नहीं थे। इसी दौरान कार और स्कूटी में सवार आठ लोग उनके ढाबा पहुंचे और वे सभी शराब के नशे में चूर थे। उनके साथ मदनपुर का सचिव संतोष तिवारी भी था। इन लोगों ने बताया कि ढाबा का टैक्स बकाया है और वह रात के 12:00 बजे शराब पीकर टैक्स वसूल करने निकले हैं । इन लोगों ने महिला को अकेला पाकर उस पर दबाव बनाते हुए कहा कि वह या तो तत्काल उन्हें टैक्स के 3 लाख रुपये दे दे नहीं तो उनके ढाबे को सील कर दिया जाएगा, और पुलिस बुलाकर उसे गिरफ्तार भी कराया जाएगा ।

इससे महिला डर गई और उसने अपने पास मौजूद 1 लाख 20000 रुपए मदनपुर के सचिव संतोष तिवारी को दे दिए। इस दौरान महिला पर दबाव बनाने के लिए एक व्यक्ति को बिल्हा का सीईओ बता कर मिलाया गया जिसने महिला को डराने के लिए हाथ से लिखा हुआ एक नोटिस ढाबे में चिपका दिया और महिला से कहा कि उसकी दुकान सील कर दी गई है। डरकर महिला ने अपने पास मौजूद एक लाख ₹20000 उसे दे दिया । रकम पाते ही इन लोगों ने शेष रकम 15 दिन के भीतर देने की बात कहते हुए कहा कि उसके बाद उसे पंचायत द्वारा रसीद दी जाएगी। जब महिला ने रसीद के लिए जिद की तो उन कथित अधिकारियों ने कहा कि अगले दिन वे स्वयं दुकान जाकर रसीद दे देंगे।

जब महिला ने दूसरे दिन मदनपुर पंचायत में फोन करके घटना की जानकारी दी और रसीद की मांग की तो उन्हें बताया गया कि पंचायत द्वारा इस तरह से टैक्स वसूली और रसीद देने का कोई प्रावधान नहीं है, जिसके बाद महिला को ठगे जाने का एहसास हुआ।

सीसीटीवी में कैद आरोपी

खास बात यह है कि महिला का ढाबा रानीगांव में है जो मदनपुर का हिस्सा भी नहीं है और इसे मदनपुर का हिस्सा बताते हुए मदनपुर का सचिव और कथित बिल्हा सीईओ और उसके साथी टैक्स के नाम पर एक लाख ₹20000 वसूल कर चले गए।
बताते हैं की शिकायत लेकर जब महिला रतनपुर थाने पहुंची तो उसे परेशान करने के लिए घंटो बिठा कर रखा गया और कोई कार्यवाही नहीं की गई । इसके बाद परेशान महिला ने इसकी शिकायत बिलासपुर एसपी और आईजी से भी की है, जिन्होंने मामले की जांच के आदेश दिए हैं।

इस पूरे मामले में कई झोल नजर आ रहे हैं । आखिर ढाबा संचालक के लिए ऐसा कौन सा टैक्स लगता है जो लाखों में हो और जिसकी वसूली के लिए सीईओ और पंचायत सचिव रात के 12:00 बजे शराब पीकर महिला से वसूली करने पहुंचते हो, हाथ से लिखकर नोटिस चस्पा करने का भी नियम पता नहीं कब से लागू हो गया। ठगी और अवैध वसूली की यह पूरी घटना सीसीटीवी कैमरे में कैद हो चुकी है। बताया जा रहा है कि महिला के बार-बार आग्रह के बाद भी पुलिस ने इस वीडियो को हासिल करने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई, जिससे महिला ने मिली भगत का आरोप लगाया है।

हालांकि अब मामले में आईजी और एसएसपी को शिकायत के बाद जांच की आंच दूर तक जाएगी।

जांच का विषय यह भी है कि क्या वसूली करने वालों में सचमुच बिल्हा के सीईओ और मदनपुर का सचिव शामिल था ? उसके साथ और कौन-कौन थे? वे किस बात के लिए ₹3 लाख के मांग रहे थे और 1,20,000 रुपए किस वजह से उन्होंने वसूला। बता जा रहा है कि कथित साहब ने तो महिला से ऑनलाइन रुपए की भी मांग की थी। क्या यह सचमुच साहब है, या साहब के नाम पर कोई ठग या फिर साहब ही ठग है, इसकी जानकारी तो पुलिस जांच में स्पष्ट हो पाएगी, लेकिन तब जब पुलिस पूरी ईमानदारी के साथ जांच करें । आखिर मदनपुर का सचिव रानीगांव पंचायत में किस अधिकार से वसूली करने पहुंचा था और फिर ऐसा कौन सा सरकारी नियम है जिसमें टैक्स वसूली के लिए रात 12:00 बजे पहुंचा जाता है। टैक्स सरकारी खजाने में जाने की बजाय कथित अधिकारियों के जेब में जाता है। संभव है की अन्य और भी दुकानो या ढाबा संचालकों से इसी तरह की अवैध वसूली की गई हो। संभव है की जांच से इसका भी खुलासा हो सके। आखिर वे कौन लोग थे, इसकी जानकारी तो सीसीटीवी फुटेज से आसानी से हो सकती है। अब देखना यह है कि पुलिस इस सफेद पोश चेहरो से कब नकाब हटाती है।

सचिन ने रखा अपना पक्ष

बताते हैं कि इसी बीच मदनपुर के पंचायत सचिव द्वारा भी रतनपुर थाने में आवेदन दिया गया है, जिसमें स्वीकार किया गया है कि घटना वाली रात बिल्हा के सीईओ और अन्य अधिकारियों के साथ वह उक्त क्षेत्र में गाय हटाने के लिए पहुंचे थे। इस दौरान ढाबा का टैक्स बकाया होने पर सभी इसके लिए चेतावनी देने महिला के पास गए थे लेकिन इन लोगों ने 1 लाख 20000 रुपए लिए जाने के आरोप को निराधार बताया है। हालांकि इस आवेदन से इतना तो स्पष्ट हो रहा है कि घटना वाली रात सचिव और सीईओ पी एस पोयम ढाबे में गए थे लेकिन वसूली वाली बात सच है या झूठ यह तो जांच से ही स्पष्ट हो पाएगा और इसमें सीसीटीवी कैमरे मददगार साबित हो सकते हैं।

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