

सरगांव की रहने वाली 27 वर्षीय शिखा ठाकुर तिफरा निवासी सुरेंद्र ठाकुर से प्रेम करती थी। यही कारण है कि 2021 में दोनों के परिजनों ने आपसी सहमति से दोनों का विवाह करा दिया। शिखा तो सुरेंद्र से बहुत प्यार करती थी लेकिन सुरेंद्र की मोहब्बत शराब से थी। शादी के बाद से ही सुरेंद्र शराब पीने लगा। इसे लेकर अक्सर शिखा उसे शराब पीने के लिए मना करती थी।
गणेश चतुर्थी से एक दिन पहले मंगलवार को तीजा का पर्व था। शिखा को अपेक्षा थी कि कम से कम उस दिन तो उसका पति शराब नहीं पिएगा, लेकिन नशे का आदि सुरेंद्र अपनी पत्नी के प्यार और सनातन धर्म की परंपराओं को भी नहीं समझ पाया और वह तीजा के दिन भी शराब पीकर आ गया। इस घटना से शिखा ठाकुर बुरी तरह टूट गई और उसे लगा कि ऐसे व्यक्ति के साथ जीवन नहीं बिताया जा सकता। उस दिन शिखा और सुरेंद्र के बीच जमकर विवाद हुआ। इसके बाद शिखा खाली कमरे में चली गई और वहां फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। सुबह जब परिजन कमरे में पहुंचे तो उन्हें शिखा की फंदे पर लटकती हुई लाश मिली, जिसे उतार कर तुरंत अस्पताल ले जाया गया लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। पुलिस मर्ग कायम कर मामले की जांच कर रही है।
शिखा और सुरेंद्र दोनों की एक ढाई साल की मासूम बच्ची भी है। शराब ने एक और परिवार तबाह कर दिया । अपने पति की दीर्घायु के लिए शिखा व्रत कर रही थी लेकिन पति के मन में पत्नी की भावनाओं की जरा भी इज्जत नहीं थी। वह शराब के आगे इतना विवश था कि तीजा के दिन भी शराब पीकर घर पहुंच गया और इसी कारण से उसे जी जान से चाहने वाली पत्नी हमेशा के लिए उससे बिछड़ गई । शायद इसके बाद भी शराब के आदि लोग इस घटना से कोई सबक ले।
