

बिलासपुर। सरकंडा पुलिस ने फर्जी चेक के जरिए 70 लाख रुपये की ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। इस धोखाधड़ी में शामिल दो बैंक कर्मचारियों समेत कुल चार आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया है।
मामला इस प्रकार है –
प्रार्थी सत्यजीत कुमार (ब्रांच मैनेजर, एचडीएफसी बैंक सरकंडा) ने 25 जुलाई 2025 को रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि 19 मई 2025 को आरोपी एडवर्ड थॉमस नामक व्यक्ति ने 70 लाख रुपये का चेक बैंक में आहरण हेतु प्रस्तुत किया था। सामान्य जांच में जानकारी सही पाई जाने पर उक्त राशि एडवर्ड थॉमस के खाते में ट्रांसफर कर दी गई।
इसके बाद गुड़गांव शाखा से शिकायत मिली कि एस्ट्रोटॉल्क सर्विस प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के चालू खाते से सात फर्जी चेक के माध्यम से 1 करोड़ 40 लाख 40 हजार रुपये की निकासी की गई है। जांच में पाया गया कि सरकंडा शाखा से एडवर्ड थॉमस द्वारा जमा किया गया 70 लाख का चेक भी फर्जी था और कंपनी द्वारा जारी ही नहीं किया गया था।
प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह के निर्देश पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (शहर) राजेन्द्र जायसवाल व सीएसपी सरकंडा सिद्धार्थ बघेल के मार्गदर्शन में थाना प्रभारी निलेश पांडेय के नेतृत्व में विशेष टीम बनाई गई।
टीम ने पहले मुख्य आरोपी एडवर्ड थॉमस को हिरासत में लेकर पूछताछ की। उसने बताया कि यह फर्जी चेक उसे रितेश केशरवानी ने दिया था, जिसके माध्यम से रकम आहरण की गई। आगे पूछताछ में खुलासा हुआ कि इस धोखाधड़ी में एचडीएफसी बैंक के कर्मचारी सोनल खुंटे और आरती यादव भी शामिल थे, जिन्होंने रकम के लालच में एडवर्ड को चेक जमा करने और निकासी में मदद की।
गिरफ्तार आरोपी
- एडवर्ड थॉमस पिता राजेश थॉमस, उम्र 21 वर्ष, निवासी गीतांजली सिटी फेस-2, थाना सरकंडा।
- रितेश केशरवानी पिता बलराम प्रसाद केशरवानी, उम्र 28 वर्ष, निवासी महंतपारा शिवरीनारायण, जिला जांजगीर-चांपा।
- सोनल खुंटे पिता साहेब लाल खुंटे, उम्र 25 वर्ष, निवासी ग्रीन गार्डन कॉलोनी के पीछे, थाना सिविल लाइन।
- आरती यादव पिता दिलीप यादव, उम्र 25 वर्ष, निवासी लम्बोदर नगर सरकंडा।
चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया है।
