मोबाइल गेम की लत ने छीनी मासूम की जिंदगी, पड़ोस में रहने वाला दोस्त ही बना हत्यारा, जिस मोबाइल के लिए की हत्या उसी के चलते पकड़ाया भी

यूनुस मेमन

चिन्मय

रतनपुर। मोबाइल गेम की लत जानलेवा भी बन सकती है — यह बातें रतनपुर में हुई दर्दनाक घटना में सच साबित हुईं। भरारी रतनपुर के रहने वाले 13 वर्षीय छात्र चिन्मय सूर्यवंशी की शवावस्था में बरामदगी और उसके दोस्त 19 वर्षीय छत्रपाल सूर्यवंशी द्वारा हत्या स्वीकार करने के बाद पूरे क्षेत्र में सनसनी है। पुलिस और परिजन दोनों ने मामले में कई आरोप-प्रत्यारोप लगाए हैं, जबकि शुरुआती जांच में बड़ा आयाम मोबाइल गेम की लत और उससे उत्पन्न विवाद को बताया जा रहा है।

घटनाक्रम — क्या हुआ था

पुलिस और परिजनों के मुताबिक, चिन्मय (कक्षा आठ) 31 जुलाई को शाम करीब 4:30 बजे अपने पिता के मोबाइल पर मोबाइल गेम खेलते हुए घर से बाहर निकला और उसके बाद वह लापता हो गया। परिजनों ने तुरंत पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई और ₹1,00,000 इनाम घोषित कर पम्पलेट भी छपवाए, लेकिन प्रारंभिक दिनों में कोई सुराग नहीं मिला।

आरोपी

लगभग पंद्रह दिन के गुजरने के बाद गुरुवार को भरारी के बंद पड़े प्राथमिक स्कूल के परिसर में चिन्मय का सड़ा-गला शव मिला। परिजन और गांववालों का आरोप है कि पुलिस समय रहते सही जानकारी जुटाने में नाकाम रही, जबकि पुलिस ने शुरुआती जांच में ही पड़ोसी और चिन्मय के साथ खेलने वाले युवक छत्रपाल सूर्यवंशी पर संदेह जताया था। उस वक्त पुलिस को कदम इसलिए वापस खींचने पड़े थे क्योंकि चिन्मय के परिजनों ने ही इन आरोपों को खारिज करते हुए छत्रपाल को अपने परिवार का सदस्य बताया था।

पुलिस को कैसे मिला सुराग

घटना स्थल

पुलिस ने बताया कि घटना के बाद चिन्मय का मोबाइल बंद आ रहा था। जांच के दौरान वह मोबाइल सर्विलांस में डाला गया था। वहीं मोबाइल आरोपी छत्रपाल ने अपने पास रख लिया था, जिसे उसने बंद कर रखा था। करीब 15 दिन बाद छत्रपाल ने जैसे ही वह मोबाइल वापस ऑन कर दिया — तभी पुलिस को महत्वपूर्ण सुराग हाथ लगे और जांच तेज हुई। जब पुलिस ने छत्रपाल से पूछताछ की तो उसने जुर्म कबूल कर लिया।

जांच में यह भी सामने आया कि दोनों बंद स्कूल के कमरे में बैठकर गेम खेल रहे थे। आरोप के मुताबिक, छत्रपाल ने चिन्मय से मोबाइल माँगा जिसे चिन्मय ने देने से मना कर दिया — इससे नाराज़ होकर छत्रपाल ने कमरे में रखी पेटी के कोने से उसका सिर टकरा दिया। गंभीर चोट के कारण चिन्मय की मौत हो गई और उसी जगह उसका शव छुपा दिया गया। छत्रपाल ने हत्या के बाद चिन्मय का मोबाइल अपने पास रख लिया था और कुछ दिनों तक मोबाइल बंद रखा।

आरोपी का अपराधी रिकार्ड

पुलिस ने यह भी कहा कि छत्रपाल आदतन अपराधी बताया जाता है और उसके खिलाफ पहले से मारपीट का मामला दर्ज है। स्थानीय जानकारी के अनुसार वह भागीदारी से जुड़ी झड़पों और रुपए के लेन-देन के विवादों में भी रहा है। इसी के चलते परिजनों और ग्रामीणों में गुस्सा और सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं।

परिवार और ग्रामीणों की प्रतिक्रिया

चिन्मय के परिजन और गांव के लोग इस घटना से स्तब्ध हैं। परिजन आरोप लगा रहे हैं कि समय रहते सर्च-ऑपरेशन और प्रभावी पूछताछ की गई होती तो यह हादसा रोका जा सकता था। वहीं कुछ परिजन छत्रपाल के परिवार को पहले अपने अंदर का बताया करते रहे — परंतु अब वे ही आरोपित बनकर सामने आए हैं। शव की हालत और घटना की नाटकीयता ने पूरे इलाके में रोष और शोक दोनों पैदा कर दिए हैं।

पुलिस की कार्रवाई और जांच की दिशा

रतनपुर थाने की पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर पूछताछ जारी रखी है और हत्या की परत दर परत जांच कर रही है। पुलिस सूत्रों ने बताया है कि फॉरेंसिक और मोबाइल लोकेशन से जुड़ी जांच भी की जा रही है ताकि घटना के समय-क्रम और अन्य साथियों की संलिप्तता का स्पष्ट पता लगाया जा सके। घटनास्थल से इकठ्ठा किए गए साक्ष्यों की जांच के बाद ही अंतिम प्राथमिकी और चार्जशीट तैयार की जाएगी।

विश्लेषण — गेमिंग लत और परिवारिक जागरूकता की जरूरत

मामले की प्रकृति बताती है कि मोबाइल गेमिंग की लत और उससे पैदा हुए विवाद कभी-कभी खतरनाक परिणाम दे सकते हैं — खासकर किशोरों में जब आत्मनियंत्रण कमजोर हो और हिंसक प्रवृत्तियाँ हों। विशेषज्ञ इस तरह के मामलों में परिवारिक निगरानी, साइबर-साक्षरता, और बच्चों के लिए स्वस्थ मनोरंजन विकल्पों को बढ़ाने की सलाह देते हैं।

गांव और आसपास के इलाकों में शोक की लहर है और लोग मांग कर रहे हैं कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए स्कूलों, पंचायतों और पुलिस को मिलकर काम करना चाहिए — विशेषकर नाबालिगों की गतिविधियों पर ध्यान रखने, हिंसा प्रवृत्ति वाले युवा पर निगरानी रखने और डिजिटल लत के खिलाफ जागरूकता बढ़ाने की जरूरत है।

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