शिव के नाम पर नशा अपराध है-पीतांबरा पीठाधीश्वर आचार्य डॉ. दिनेश जी महाराज

सरकण्डा स्थित श्री पीताम्बरा पीठ त्रिदेव मंदिर में सावन महोत्सव श्रावण मास मे महारुद्राभिषेकात्मक महायज्ञ नमक चमक विधि द्वारा निरंतर किया जा रहा हैं।11 जुलाई 2025 से आरंभ सावन के अवसर पर त्रिदेव मंदिर में महारुद्राभिषेकात्मक महायज्ञ का आयोजन किया जा रहा हैं। यह आयोजन 9 अगस्त सावन शुक्ल पूर्णिमा तक निरंतर चलेगा। इस अवसर पर नित्य प्रतिदिन प्रातः 9:00 बजे से दोपहर 1:30 बजे तक श्री शारदेश्वर पारदेश्वर महादेव का महारुद्राभिषेक नमक चमक विधि से पाठ विद्वान ब्राह्मणों द्वारा किया जा रहा है।

इसी कड़ी में पीताम्बरा पीठाधीश्वर आचार्य डॉ. दिनेश जी महाराज जी ने कहा कि शिव के नाम पर नशा अपराध है। वर्तमान समय का एक बहुत बड़ा दुर्भाग्य यह है कि बहुत सारे लोगों द्वारा भगवान शिव के नाम पर भाँग, गांजा जैसे अनेक प्रकार का नशा किया जाता है और भोले बाबा का प्रसाद कहकर दूसरों को भी कराया जाता है।हां भगवान भोलेनाथ नशा करते थे पर भक्ति का नशा करते थे अपने प्रभु श्रीराम के नाम का नशा करते थे।भक्ति से तप ज्ञान वैराग्य की प्राप्ति होती है, महादेव तो आशुतोष भोलेनाथ हैं इसलिए भांग के पत्ते,जिन्हें पशु तक भी नहीं खाते;और धतूरे का वह फल,जिसे कोई पक्षी तक चोंच नहीं मारते उनको अर्पित करने वाले का भी कल्याण कर देते हैं।भगवान भोलेनाथ के प्रसाद के नाम से प्रचलित इस नशा की कुप्रथा का सभी शिव भक्तों द्वारा पुरजोर विरोध किया जाना चाहिए।नशा करने वाले का कभी भी कल्याण संभव ही नहीं,अब वह भले ही भोले बाबा अथवा देवी माँ के प्रसाद के नाम से ही क्यों न किया जाए।यदि तनिक भी कल्याण की चिंता हो तो शिव के नाम पर नशा नहीं अपितु शिव के नाम का नशा करो।भक्ति का नशा करो, नशे की भक्ति कदापि नहीं।वर्तमान में भगवान भोलेनाथ के नाम पर अधिक मात्रा में व्यसन नशा किया जाता है अरे भगवान शिव ने तो हलाहल विष धारण किया था तो क्या यह व्यसनी समुदाय विष पीएगा नहीं ना, तो समाज से इस व्यसन एवं व्यसनी आचरण को दूर किया जाए।

इसी कड़ी में महारुद्राभिषेकात्मक महायज्ञ में श्री रामानुज कौशिक द्वारा महादेव का महारुद्राभिषेक,पूजन कर पुण्य लाभ प्राप्त किया गया।

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