श्री पीताम्बरा पीठ त्रिदेव मंदिर में आषाढ़ गुप्त नवरात्र उत्सव का समापन पूर्णाहुति के अवसर पर उपस्थित हुए – जगद्गुरु कामदगिरि पीठाधीश्वर श्रीमद जगदगुरु रामानंदाचार्य स्वामी रामस्वरूप आचार्य महाराज जी कामदगिरि चित्रकूट

छत्तीसगढ़ बिलासपुर सरकण्डा स्थित श्री पीताम्बरा पीठ त्रिदेव मंदिर में आषाढ़ गुप्त नवरात्र उत्सव हर्षोल्लास के साथ धूमधाम से मनाया जा रहा था। पीठाधीश्वर आचार्य डॉ. दिनेश जी महाराज ने बताया कि त्रिदेव मंदिर में नवरात्र के दसवे दिन प्रातःकालीन श्री ब्रह्मशक्ति बगलामुखी देवी का विशेष पूजन श्रृंगार कमला देवी के रूप मे किया गया।श्री शारदेश्वर पारदेश्वर महादेव का महारुद्राभिषेक, महाकाली महालक्ष्मी महासरस्वती देवी का षोडश मंत्र द्वारा दूधधारिया पूर्वक अभिषेक किया गया।परमब्रह्म मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम जी का पूजन एवं श्रृंगार किया गया।प्रतिदिन मध्यान्हकालीन पीताम्बरा हवनात्मक महायज्ञ मे श्री ब्रह्मशक्ति बगलामुखी मंत्र के द्वारा आहुतियाँ दी जा रही है, इस अवसर पर कन्याओं का पूजन भोजन कराया गया। एवं पूर्णाहुति के अवसर पर जगद्गुरु कामदगिरि पीठाधीश्वर श्रीमद जगदगुरु रामानंदाचार्य स्वामी रामस्वरूप आचार्य महाराज जी कामदगिरि चित्रकूट उपस्थित होकर माता श्री ब्रह्मशक्ति बगलामुखी देवी, श्री शारदेश्वर पारदेश्वर महादेव, परमब्रह्म मर्यादा पुरुषोत्तम श्री रामचंद्र जी, सिद्धिविनायक गणेश जी, श्री पीताम्बरा हवनात्मक महायज्ञ का पूजन अर्चन किये। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ गौ सेवा आयोग अध्यक्ष श्री विश्वेश्वर सिंह पटेल, श्री हर्षवर्धन अग्रवाल अधिवक्ता छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट, एवं अनेक भक्तगण उपस्थित रहे।

इस अवसर पर कामद पीठाधीश्वर महाराज जी ने कहा कि श्री शारदेश्वर पारदेश्वर महादेव, का होना अपने आप में ही विलक्षण अनुभूति है क्योंकि विरले ही महापुरुष ऐसे हुए हैं जिन्होंने पारद शिवलिंग की स्थापना की है जिनमे शिवस्वरूप ब्रह्मलीन परमश्रद्धेय परम पूजनीय परमहंस स्वामी शारदानंद सरस्वती जी महाराज के कृपापात्र आचार्य डॉ. दिनेश जी महाराज भी सम्मिलित हो गए हैं, साथ ही उन्होंने कहा कि एक समय ऐसा था जब यह क्षेत्र बिहड़ हुआ करता था , पीतांबरा पीठाधीश्वर जी के कारण अब यह क्षेत्र श्रद्धा एवं आस्था का केंद्र बन गया है उनकी साधना, सद्गुरु कृपा एवं भगवत कृपा का ही परिणाम है कि आज माँ ब्रह्मशक्ति बगलामुखी देवी,पारदेश्वर महादेव, एवं मर्यादा पुरुषोत्तम श्री रामचंद्र जी की विलक्षण अद्भुत विग्रह यहां विराजमान है।

पीताम्बरा पीठाधीश्वर आचार्य डॉ.दिनेश जी महाराज ने बताया कि दसवी महाविद्या माँ कमला को भाग्य, सम्मान, पवित्रता और परोपकार की देवी माना गया है। देवी कमला सभी दिव्य गतिविधियों में उर्जा के रूप में मौजूद रहती हैं। माँ कमला भगवान विष्णु की दिव्य शक्ति हैं गुप्त नवरात्री में माँ कमला की पूजा करने से कौशल विकास एवं गुणवत्ता में बढ़ोतरी होती हैं। इनकी पूजा से माँ लक्ष्मी की पूजा के समान पुण्य प्राप्त होता माँ कमला अपने भक्तो को धन और ऐश्वर्य का वरदान देती हैं,खासकर गर्भवती महिलाओं के लिए माँ कमला की पूजा बहुत महत्वपूर्ण होती है माँ कमला गर्भवती स्त्री के गर्भ की रक्षा करती हैं।उनका पोषण करती है।

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