


बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियों को लेकर कांग्रेस पार्टी ने संगठनात्मक मोर्चे पर कमर कस ली है। पार्टी ने चुनावी रणनीति को धार देने के लिए ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी (AICC) की ओर से 58 ऑब्जर्वर नियुक्त किए हैं। खास बात यह है कि इन निरीक्षकों में छत्तीसगढ़ के चार अनुभवी नेताओं को भी अहम जिम्मेदारी दी गई है। जिसमें बिलासपुर के पूर्व विधायक शैलेष पांडेय को भी शामिल किया गया है। ज्ञात हो कि श्री पांडेय को कर्नाटक, रायबरेली, उत्तराखंड, त्रिपुरा, उड़ीसा सहित उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में चुनावी जिम्मेदारी निभा चुके हैं।
जिम्मेदारी मिलने पर पूर्व विधायक शैलेष पांडेय ने राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा नेता प्रतिपक्ष एवं सांसद राहुल गाँधी, सांसद और महासचिव प्रियंका गाँधी, सांसद और महासचिव श्री केसी वेणु गोपाल, महासचिव और छत्तीसगढ़ प्रभारी सचिन पायलट, भिलाई विधायक और सचिव देवेंद्र यादव और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी को आभार व्यक्त किया जिन्होंने बिहार चुनाव की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी में शामिल किया।

AICC के जनरल सेक्रेटरी केसी वेणुगोपाल द्वारा जारी आदेश के अनुसार छत्तीसगढ़ से जिन नेताओं को ऑब्जर्वर बनाया गया है, उनमें पूर्व कैबिनेट मंत्री अमरजीत भगत, बिलासपुर के पूर्व विधायक शैलेश पांडेय, संगठन से जुड़े नेता दीपक मिश्रा और वरिष्ठ नेता भुवनेश्वर बघेल शामिल हैं।
संगठन से लेकर जीत तक की जिम्मेदारी
कांग्रेस ने इन ऑब्जर्वरों को बिहार के अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों में पार्टी संगठन को मजबूत करने, बूथ स्तर तक मैनेजमेंट दुरुस्त करने और स्थानीय कार्यकर्ताओं को एकजुट कर कांग्रेस प्रत्याशियों की जीत सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी दी है। पार्टी का मानना है कि इन नेताओं का पूर्व चुनावी अनुभव और सांगठनिक पकड़ बिहार जैसे रणनीतिक राज्य में कांग्रेस को मजबूती देने में मददगार होगी।
महागठबंधन में अहम भूमिका निभाएंगे ऑब्जर्वर
बिहार में कांग्रेस इस बार भी महागठबंधन का हिस्सा है। ऐसे में सीटों के तालमेल, उम्मीदवारों की चयन प्रक्रिया और प्रचार रणनीति जैसे अहम कार्यों में ऑब्जर्वरों की भूमिका निर्णायक होगी। पार्टी ने क्षेत्रीय संतुलन को ध्यान में रखते हुए पूरे देश से अनुभवी नेताओं की नियुक्ति की है।
जल्द बिहार दौरे पर जाएंगे सभी निरीक्षक
सूत्रों के अनुसार, सभी 58 ऑब्जर्वर जल्द ही बिहार पहुंचेंगे और अपने-अपने क्षेत्रों में संगठनात्मक समीक्षा शुरू करेंगे। यह दौरा कांग्रेस को न केवल स्थानीय स्तर पर मजबूत करेगा बल्कि महागठबंधन की साझा रणनीति को धरातल पर उतारने में भी मददगार साबित होगा।