

बिलासपुर। जिले के समर्पित गौ सेवकों द्वारा निकाली गई तीन दिवसीय दंडवत यात्रा का समापन बुधवार को कलेक्टोरेट पहुंचकर हुआ। इस यात्रा का उद्देश्य गौ माता की सेवा, गौ तस्करी पर रोक, और जिले में गौ कल्याण हेतु विभिन्न सुविधाओं की मांग करना था। हनुमान मंदिर, मस्तूरी से शुरू हुई यह यात्रा सैकड़ों गौ सेवकों की सहभागिता के साथ कलेक्टर कार्यालय तक पहुंची, जहां उन्होंने नारेबाजी करते हुए अपनी मांगों को प्रशासन के समक्ष रखा।

गौ सेवकों ने मांग की कि गौ माता को राष्ट्रमाता का दर्जा दिया जाए और इस बाबत प्रस्ताव राज्य विधानसभा में पास कर केंद्र सरकार को भेजा जाए। इसके अतिरिक्त, बिलासपुर जिले में गौ तस्करी पर कठोर प्रतिबंध लगाने, खुटीघाट, जांजगीर, रतनपुर और तखतपुर के मवेशी बाजारों को स्थायी रूप से बंद करने, और जिले में गौ सेवा धाम की स्थापना के लिए उपयुक्त भूमि आवंटित करने की मांग प्रमुख रूप से की गई।

गौ सेवकों ने कलेक्टर कार्यालय के समक्ष धरना प्रदर्शन करते हुए मांग रखी कि लापरवाही बरतने वाले डॉक्टर डॉ. राम ओतलवार को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाए। साथ ही, उन्होंने 24 घंटे वेटनरी हॉस्पिटल को संचालित रखने की भी मांग की।

कलेक्टर कार्यालय में सुरक्षा के दृष्टिकोण से पहले से ही पुलिस बल तैनात था। प्रशासन की ओर से पांच प्रतिनिधियों को कलेक्टर से मिलने की अनुमति दी गई। इसके बाद प्रतिनिधिमंडल ने कलेक्टर श्री संजय अग्रवाल को मुख्यमंत्री के नाम 11 सूत्रीय ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन में रखी गई प्रमुख मांगे:
- गौ माता को राष्ट्रमाता का दर्जा देकर विधिवत रूप से केंद्र को प्रस्ताव भेजा जाए।
- जिले के सभी पशु बाजार स्थायी रूप से बंद किए जाएं।
- गौ सेवा धाम के लिए भूमि शीघ्र आवंटित की जाए।
- डॉ. राम ओतलवार को निलंबित किया जाए।
- जिले में वेटनरी अस्पताल 24 घंटे खुले रहें।
- पशुओं के लिए एम्बुलेंस सेवा शुरू की जाए।
- जिले में कृत्रिम गर्भाधान केंद्रों को बंद किया जाए।
- विदेशी नस्लों (जैसे जर्सी, एचएफ) पर पूर्ण प्रतिबंध लगे।
- नामी गौ तस्करों पर राजद्रोह का मुकदमा चलाया जाए और फांसी की सजा दी जाए।
- गौ तस्करों के बैंक खातों की जांच कर अवैध सम्पत्ति जब्त की जाए।
- छत्तीसगढ़ में अलग से गौ मंत्रालय का गठन किया जाए।

इस आंदोलन में भाग लेने वाले प्रमुख गौ सेवकों में ओमेश बिसेन, विपुल शर्मा, बाबा शर्मा (गौ रक्षा प्रमुख), गोपल कृष्ण रामानुज दास, शत्रुधन यादव, मंजीत सिंह, शुभम् शुक्ला, बाबू भाई, शिवांश पांडेय, विकास यादव, दिव्यांश, आशीष त्रिपाठी, अभिषेक, शुभम् साहू, विष्णु दुबे, प्रकाश पुरोहित, राजवीर टाह, अनमोल खत्री सहित लगभग 30 से अधिक सेवक शामिल रहे।
गौ सेवकों ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि उनकी मांगों पर शीघ्र सकारात्मक निर्णय नहीं लिया गया, तो वे बड़ा जन आंदोलन छेड़ने के लिए बाध्य होंगे। उन्होंने चेतावनी दी कि गौ माता के सम्मान और सुरक्षा के लिए वे किसी भी हद तक जा सकते हैं।

यह आंदोलन जिले में गौ कल्याण को लेकर लोगों की जागरूकता और भावनात्मक जुड़ाव को दर्शाता है, जो प्रशासन और शासन दोनों के लिए गंभीर मंथन का विषय बन गया है।
