“सनातन समाज की दृढ़ चेतना और अधिवक्ता निखिल शुक्ला की विधिक पैरवी पर मोपका की शासकीय चरनोई भूमि का आवंटन निरस्त”


बिलासपुर


मोपका ग्राम स्थित शासकीय चरनोई भूमि (खसरा नंबर 1053/1) को कब्रिस्तान के रूप में एक धार्मिक संस्था को दिए जाने के प्रयास पर सनातन हिन्दू समाज ने कड़ा विरोध दर्ज कर एकजुटता के साथ सार्वजनिक हित की रक्षा की। यह भूमि वर्षों से गांव के पशुधन चराई हेतु प्रयुक्त होती रही है, और निस्तार पत्रक में ‘चराई मद’ में विधिवत दर्ज है।

इस गंभीर विषय पर सनातन समाज की ओर से अधिवक्ता निखिल शुक्ला ने तहसीलदार न्यायालय में एक विस्तृत आपत्ति पत्र प्रस्तुत किया, जिसमें इस भूमि के ऐतिहासिक उपयोग, राजस्व अभिलेख, तथा ग्रामवासियों की निर्भरता को विधिसम्मत रूप से रेखांकित किया गया।

अधिवक्ता निखिल शुक्ला द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य, दस्तावेजीय आधार पर यह सिद्ध हुआ कि इस भूमि का चरनोई उपयोग आज भी प्रासंगिक और आवश्यक है, और इसका किसी एक समुदाय विशेष को आवंटन संविधानिक समानता, तथा जनहित के विरुद्ध होगा।

इसी विधिक कार्रवाई के परिणामस्वरूप:

कलेक्टर, बिलासपुर ने दिनांक 18.03.2025 को उक्त प्रकरण को निरस्त कर दिया।

इस निर्णय से सनातन समाज में व्यापक संतोष और आश्वासन की भावना है, कि समाज, परंपरा और धर्म की रक्षा हेतु न्यायपालिका और प्रशासन सजग है।

सनातनी समाज ने इस विधिक सफलता हेतु अधिवक्ता निखिल शुक्ला को धन्यवाद ज्ञापित किया और शासन से मांग की है कि ऐसी चरनोई भूमि को राजपत्रित रूप से संरक्षित घोषित किया जाए, ताकि भविष्य में कोई भूमि हड़पने का दुस्साहस न कर सके।

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