
आकाश मिश्रा


रतनपुर में रेप पीड़िता की मां पर ही धारा 377, 506, 4- 12 पोक्सो एक्ट के तहत कार्यवाही होने से पूरा रतनपुर उबल पड़ा। शनिवार को थाना घेराव के बाद रविवार को सफल रतनपुर बंद किया गया। हालांकि इस दौरान यह अफवाह भी फैली थी कि भीड़ ने आरोपी के घर पर हमला कर दिया, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ था। कुछ लोग आरोपी के घर जरूर पहुंचे थे और भीड़ ने नारेबाजी भी की थी, लेकिन पुलिस ने भीड़ को वापस लौटा दिया था
इधर इस विरोध प्रदर्शन के असर से तीन सदस्यीय जांच समिति का गठन किया गया। साथ ही रतनपुर थाना प्रभारी सहित दोषी पुलिसकर्मियों को हटा दिया गया, लेकिन आंदोलनकारियों का कहना है कि जब तक पीड़ित महिला की रिहाई नहीं हो जाती, तब तक वे चुप नहीं बैठेंगे। इसलिए सोमवार को होने वाले घटनाक्रम पर भी सबकी नजर है।

आज क्या-क्या हो सकता है
रेप पीड़िता की मां की आज जमानत याचिका कोर्ट में लगेगी, पुलिस ने पहले ही कह दिया है कि वह जमानत का विरोध नहीं करेगी। देखना होगा कि महिला को अदालत से जमानत मिलती है या नहीं ? जिस पर काफी कुछ निर्भर रहेगा। वहीं सोमवार को एक प्रतिनिधिमंडल इस पूरे मामले को लेकर एसपी और आईजी से भी मुलाकात करेगा । चूंकि पीड़ित महिला आंगनबाड़ी सहायिका है इसलिए सोमवार को बड़ी संख्या में आंगनबाड़ी सहायिकाएं कलेक्टर से मुलाकात कर न्याय मांगेंगी।

इधर इस मामले में मास्टरमाइंड पार्षद हकीम मोहम्मद की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही है। शनिवार को रेप पीड़िता ने हकीम मोहम्मद और आफताब की बुआ के खिलाफ केस वापस लेने के लिए धमकाने, जान से मारने की धमकी देने और मारपीट जैसे गंभीर आरोप लगाए थे। उस मामले में आज पार्षद हाकिम मोहम्मद के खिलाफ एफ आई आर दर्ज हो सकती है और संभव है कि उसकी गिरफ्तारी भी हो।

वही भीतर खाने से यह खबर आ रही है कि भारतीय जनता पार्टी ने अपने पार्षद को हटाने का निर्णय ले लिया है । इसकी घोषणा सोमवार को हो सकती है। रतनपुर नगर पालिका परिषद में पार्षदों की संख्या का समीकरण जटिल होने के बाद भी अगर भारतीय जनता पार्टी ऐसा कठोर फैसला लेती है तो फिर वह स्वागत योग्य रहेगा।
कुछ लोगों का कहना है कि पुलिस ने सुलग रहे रतनपुर की आग बुझाने के लिए जांच कमेटी बनाकर और थानेदार को लाइन अटैच कर मामले को शांत करने का प्रयास किया है, लेकिन असली मुद्दा तो अब भी यथास्थिति में है। निर्दोष महिला जेल में है, उसकी रिहाई ही की मांग की आंदोलन का कारण है जो कि अभी यथार्थ में नहीं बदला है। इसलिए सोमवार का दिन बड़ा महत्वपूर्ण है ।अगर इस मामले में महिला की जमानत हो जाती है तो पुलिस पर केस वापस लेने के लिए दबाव बनाया जाएगा। वही मास्टरमाइंड भाजपा पार्षद के खिलाफ हुई कार्यवाही राजनेताओं के लिए नजीर होगी कि वह स्वेच्छाचारी स्वभाव त्यागें, क्योंकि अगर जनता विरोध पर आ गई तो फिर राजनीति बहुत दूर तक नहीं चल सकती। सूत्रों ने बताया कि इस पूरे मामले में भाजपा की जमकर किरकिरी हुई है क्योंकि रेप के आरोपी का चाचा भाजपा का पार्षद है हालांकि रेप करने वाल
अब सोमवार को होने वाली हर घटना पर सबकी नजर बनी रहेगी।
